'दिल्ली छोड़ दो', लंदन में रहने वाले भारतीय ने क्यों कही ये बात; सोशल मीडिया पर छिड़ गई बहस
लंदन में रहने वाले एक टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट ने दिल्ली के प्रदूषण स्तर को देखते हुए लोगों को शहर छोड़ने की सलाह दी है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। एक्सपर्ट ने दिल्ली में प्रॉपर्टी न खरीदने की भी सलाह दी है। उन्होंने मुंबई के लोगों को भी शहर छोड़ने की सलाह दी है। कई लोगों ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है, कुछ ने इसे सही बताया तो कुछ ने अपनी मजबूरी बताई।

लंदन में रहने वाले भारतीय ने दी दिल्ली छोड़ने की नसीहत। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लंदन में रहने वाले एक टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट ने राजधानी दिल्ली में बढ़े हुए प्रदूषण के खतरनाक लेवल का हवाला देते हुए लोगों से दिल्ली छोड़ने के लिए कहा। इसके बाद मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है।
CAST AI में सीनियर डेवलपर एडवोकेट कुणाल कुशवाहा नाम के यूजर ने सुझाव दिया कि लोगों को अपने भले के लिए शहर छोड़ देना चाहिए और दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदने का भी कोई मतलब नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं, मुंबई में रहने वाले लोगों को भी अपना बैग पैक कर लेना चाहिए और अपने काम को कहीं और शिफ्ट कर लेना चाहिए।
कुणाल ने एक्स पर क्या लिखा?
उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, "मैं सोचता था कि दिल्ली में लोगों के लिए AQI असल में कितना खराब हो सकता है? मुझे पता था कि यह खराब है, लेकिन मुझे इसका लेवल कभी समझ नहीं आया क्योंकि मुझे यह उतना ज्यादा महसूस नहीं हुआ।" कुणाल ने आगे कहा, "मैं दिल्ली में पला-बढ़ा, यहीं पढ़ा-लिखा, और मुझे कभी कोई बड़ा फर्क महसूस नहीं हुआ। आप सड़कों पर लोगों को बिना मास्क के बस घूमते हुए और यहां तक कि सुबह दौड़ने जाते हुए भी देखते हैं। लेकिन मैं गलत था।"
दिल्ली के हालात को बताया संकट
दिल्ली के हालात को "संकट" बताते हुए उन्होंने लिखा, "इस शहर को छोड़ना आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। कुछ साल लंदन में रहने और साफ हवा में सांस लेने के बाद, जैसे ही मैं दिल्ली पहुंचा, मुझे सचमुच प्रदूषण का स्वाद और गंध महसूस हुई।"
उन्होंने आगे कहा, "AQI 200 ने भी मुझे बहुत परेशान किया: गले में खराश, और फेफड़ों में सुई चुभने जैसा एहसास। मुझे सच में महसूस हो रहा था कि प्रदूषण मेरे शरीर में जा रहा है।"
सोशल मीडिया पर क्या आया रिएक्शन?
एक यूजर ने लिखा, "मैं AQI को लेकर बुलिश हूं, आपको तब तक पता नहीं चलता कि 50 कितना बुरा है जब तक आप 10 से नीचे समय नहीं बिताते। वहां यह कितना ज्यादा होता है?"
एक अन्य यूजर ने लिखा, "यह सच है और कंपनियां, स्कूल और दूसरी गैर-जरूरी संस्थाएं अभी भी ऐसे खुली हैं जैसे कुछ हुआ ही न हो। साफ़ है कि यह एक हेल्थ इमरजेंसी है लेकिन सरकार वह नहीं कर रही जो वह कर सकती है। प्रदूषण को कंट्रोल करना तो छोड़िए, वे पब्लिक हेल्थ के लिए जरूरी WFH भी नहीं कर रहे हैं।"
कई लोगों की तरफ से बोलते हुए यूसर ने कहा, "हममें से 99% के लिए यहां से जाना कोई ऑप्शन नहीं है। हममें से ज्यादातर लोग यहां इसलिए फंसे हुए हैं क्योंकि नौकरी, परिवार, सब कुछ इस शहर से जुड़ा हुआ है।"

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