Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ट्रंप-पुतिन मुलाकात भारत के लिए फायदे का सौदा, विशेषज्ञ ने बताया कैसे?

    विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात से भारत को कूटनीतिक रूप से लाभ हो सकता है। पुतिन के लिए यह एक रणनीतिक जीत है जिससे भारत को आर्थिक और रणनीतिक फायदा हो सकता है। प्रतिबंधों से बचाव और टैरिफ में राहत मिलने की संभावना है। इस बातचीत में यूक्रेन युद्ध के समाधान और रूस-अमेरिका संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

    By Digital Desk Edited By: Abhishek Pratap Singh Updated: Sat, 16 Aug 2025 09:41 PM (IST)
    Hero Image
    अलास्का में हुई डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच हालिया मुलाकात ने भारत को कूटनीतिक स्थिति में और भी बेहतर बना दिया है, जिससे उसे आर्थिक और रणनीतिक लाभ होने की संभावना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि यह नतीजा काफी हद तक पुतिन के लिए जीत है, लेकिन भारत के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि इससे अतिरिक्त प्रतिबंधों से बचा जा सकता है और टैरिफ में राहत भी मिल सकती है।

    'अलास्का सम्मेलन ट्रंप की सफलता नहीं'

    सचदेव ने कहा कि अलास्का सम्मेलन ट्रंप के लिए व्यापक सफल तो नहीं रही, लेकिन पुतिन के लिए एक रणनीतिक जीत साबित हुई और इसने भारत को वैश्विक कूटनीति में एक अनुकूल अवसर प्रदान किया। उन्होंने कहा, ''पुतिन के लिए यह एक जीत थी। यूक्रेन में तत्काल युद्धविराम की बजाय शांति-सूत्र को प्राथमिकता देने का उनका ²ष्टिकोण सफल रहा। यूक्रेन, अमेरिका और यूरोप पहले युद्धविराम चाहते थे, लेकिन बैठक के बाद के नतीजों में पुतिन की शर्तें झलकती थीं।''

    क्या ट्रंप हटाएंगे भारत के ऊपर से हैवी टैरिफ?

    सचदेव ने बताया कि यह बातचीत यूक्रेन युद्ध के समाधान से पहले रूस-अमेरिका संबंधों को बहाल करने पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा, ''खनिज एवं तेल, अंतरिक्ष, रक्षा, परमाणु सहयोग और आर्कटिक परियोजनाओं जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। भारत के लिए बहुत कुछ दांव पर था।'

    उन्होंने कहा, ''अगर बैठक खराब होती तो ट्रंप रूस पर भारी प्रतिबंध लगा सकते थे, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से भारत को नुकसान पहुंच सकता था। अब, यह भी संभावना है कि भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क हटा लिए जाएं।'' सचदेव ने जोर देकर कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष से मॉस्को के बीजिंग के और करीब आने की आशंका है।

    (न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

    ये भी पढ़ें: 'आगे का रास्ता केवल...', पुतिन-ट्रंप की अलास्का मीटिंग पर आया भारत का पहला रिएक्शन