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    'देश में 2013 के बाद नहीं हुआ कोई बड़ा आतंकी हमला', अजीत डोभाल बोले- सिर्फ जम्मू और कश्मीर...

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 10:30 AM (IST)

    राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि 2013 के बाद से जम्मू-कश्मीर को छोड़कर भारत में कोई आतंकी हमला नहीं हुआ है। उन्होंने सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में यह बात कही। डोभाल ने 2014 के बाद वामपंथी उग्रवाद में कमी और राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों का जवाब देने की भारत की क्षमता पर भी प्रकाश डाला। 

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    आतंकवाद पर अजीत डोभाल का बड़ा दावा (फोटो- ANI)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA अजीत डोभाल ने सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर में देश की सुरक्षा स्थिति पर विस्तार से बात की। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि 2013 के बाद से जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरा देश आतंकवादी हमलों से सुरक्षित रहा है।

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    एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि तथ्य तो तथ्य हैं, और इन पर कोई विवाद नहीं हो सकता. इस देश में आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया गया है। 1 जुलाई, 2005 को आतंकवाद की एक बड़ी घटना हुई थी, और आखिरी घटना 2013 में देश के अंदरूनी इलाकों में हुई थी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरा देश आतंकवादी हमलों से सुरक्षित रहा है।

    सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान को संबोधित करते हुए एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर को छोड़कर देश के अंदरूनी इलाकों में कोई आतंकी हमला नहीं हुआ है, हालांकि "दुश्मनों" ने अपनी गतिविधियां जारी रखी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 के बाद से वामपंथी उग्रवाद में तेजी से कमी आई है। दुश्मन बहुत सक्रिय रहे हैं, लेकिन सौभाग्य से, और यह देश के लिए सौभाग्य की बात है कि हम कह सकते हैं कि हमारे भीतरी इलाकों में कोई आतंकवादी घटना नहीं हुई है।

    वामपंथी उग्रवाद में कमी

    उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद 2014 की तुलना में 11 प्रतिशत से भी कम क्षेत्रों में सिमट गया है। जिन जिलों को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित घोषित किया गया था, उनमें से अधिकांश को सुरक्षित घोषित कर दिया गया है।

    आवश्यकता पड़ने पर दे सकते जवाब

    एनएसए अजीत डोभाल ने आगे कहा कि भारत ने प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है, जिसका अर्थ है कि वह आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी खतरों का जवाब दे सकता है। यह कहना पर्याप्त नहीं है कि हमने पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए हैं। उतना ही महत्वपूर्ण यह है कि हम प्रत्येक भारतीय को आंतरिक और बाहरी, दोनों ही ताकतों से सुरक्षित महसूस करा सकें।

    हम सरकारी कानूनों और नीतियों के अनुसार उनसे प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं, साथ ही हम ऐसा प्रतिरोध भी पैदा कर सकते हैं जो उन्हें यह विश्वास दिलाए कि हमारे पास अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम तरीके से किसी भी खतरे का जवाब देने की इच्छाशक्ति और शक्ति है।

    उन्होंने हाशिए पर पड़े लोगों को समर्थन देने की आवश्यकता पर भी बात करते हुए महिलाओं की सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "वंचित, कमजोर और हाशिए पर पड़े लोगों की देखभाल करने और उन्हें सशक्तीकरण की भावना देने की भी विशेष आवश्यकता है। महिलाओं की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। आधुनिक विश्व में सुशासन के लिए महिलाओं को संरक्षण, सुरक्षा, समानता और सशक्तीकरण की भावना देना आवश्यक है।" (समाचार एजेंसी इनपुट के साथ)