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    भारत को घेरने के लिए ISI और DGFI ने मिलाया हाथ, लगातार बांग्लादेश आ रहे पाक अधिकारी

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 11:30 PM (IST)

    पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों के प्रगाढ़ होने के बीच भारत को घेरने के लिए आइएसआइ और डीजीएफआइ ने हाथ मिलाया है और संयुक्त खुफिया तंत्र स्थापित किया है। हाल ही में पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेएससी) के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा चार दिवसीय बांग्लादेश दौरे पर थे। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने यूनुस से मुलाकात की और सैन्य नेतृत्व के साथ भी बैठकें कीं।

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    पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों के प्रगाढ़ होने के बीच संयुक्त खुफिया तंत्र स्थापित किया  (सांकेतिक तस्वीर)

    आइएएनएस, नई दिल्ली। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में मुहम्मद यूनुस के कार्यभार संभालने के बाद पड़ोसी मुस्लिम बहुल देश अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए नया गढ़ बन गया है। पाकिस्तानी अधिकारी लगातार इस देश की यात्रा कर रहे हैं।

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      भारत को घेरने के लिए पूरा जोर लगा रहा पाकिस्तान

    पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों के प्रगाढ़ होने के बीच भारत को घेरने के लिए आइएसआइ और डीजीएफआइ ने हाथ मिलाया है और संयुक्त खुफिया तंत्र स्थापित किया है। हाल ही में पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेएससी) के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा चार दिवसीय बांग्लादेश दौरे पर थे। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने यूनुस से मुलाकात की और सैन्य नेतृत्व के साथ भी बैठकें कीं।

    आइएसआइ अधिकारी की उपस्थिति ने बढ़ाई भारत की चिंता इन बैठकों से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों सैन्य रूप से घनिष्ठ संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन चिंता का विषय मिर्जा के साथ आए प्रतिनिधिमंडल में एक आइएसआइ अधिकारी की उपस्थिति थी।

    अधिकारियों का कहना है कि आइएसआइ अधिकारियों को इसलिए आमंत्रित किया गया था ताकि दोनों देश डीजीएफआइ (बांग्लादेश सशस्त्र बलों की खुफिया एजेंसी - डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फोर्सेज इंटेलिजेंस) के साथ खुफिया जानकारी साझा कर सकें।

    बंगाल की खाड़ी की निगरानी, पूर्वी तट के हवाई क्षेत्र पर नजर यह निर्णय लिया गया कि डीजीएफआइ और आइएसआइ मिलकर काम करेंगे और ऐसा करने के लिए एक संयुक्त खुफिया तंत्र स्थापित किया गया।

    एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस घटनाक्रम के चलते भारत को हाई अलर्ट पर रहना होगा। आइएसआइ और डीजीएफआइ का यह संयुक्त खुफिया तंत्र बंगाल की खाड़ी की निगरानी पर केंद्रित होगा। यह भारत के पूर्वी तट के हवाई क्षेत्र पर भी कड़ी नजर रखेगा।

    पाकिस्तान उच्चायोग के अंदर विशेष आइएसआइ सेल का गठनएक अन्य प्रमुख घटनाक्रम ढाका स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के अंदर एक विशेष आइएसआइ सेल की स्थापना थी। यह सेल आइएसआइ, डीजीएफआइ और बांग्लादेश की राष्ट्रीय सुरक्षा खुफिया एजेंसी के बीच सहयोग सुनिश्चित करेगा। खुफिया ब्यूरो के एक अधिकारी ने कहा कि इस सेल का उद्देश्य केवल दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाना नहीं है।

    अधिकारियों ने कहा कि दोनों का एक साझा दुश्मन भारत है और उनकी एजेंसियां हमारे हितों के खिलाफ काम करेंगी। शेख हसीना के शासनकाल में आइएसआइ की उपस्थिति बहुत कम थी। यूनुस के शासनकाल में उनकी उपस्थिति बढ़ी है, लेकिन चिंता की बात यह है कि अब यह आधिकारिक हो गई है। इसका मतलब है कि उनकी गतिविधियां बिना किसी जांच-पड़ताल के चलती रहेंगी।

    जुलाई चार्टर लागू करने की योजना एक धोखा : बीएनपी

    पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने बुधवार को अंतरिम सरकार की जुलाई चार्टर लागू करने की योजना की आलोचना की। इस योजना का उद्देश्य पिछले साल शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल करने वाले विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर सुधारों को संस्थागत रूप देना है।

    बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि पार्टी यह जानकर हैरान है कि बुधवार को राष्ट्रीय सहमति आयोग द्वारा प्रकाशित अंतिम रिपोर्ट में उसके असहमति वाले नोट गायब थे। उन्होंने इस कदम को जनता और राजनीतिक दलों - दोनों के साथ 'धोखा' बताया।