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    जैसलमेर बस अग्निकांड में बड़ा खुलासा, चित्तौड़गढ़ में नॉन एसी के रूप में पंजीकृत बस को मालिक ने AC में करवाया मॉडिफाई

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 09:06 PM (IST)

    जैसलमेर बस अग्निकांड में खुलासा हुआ कि बस चित्तौड़गढ़ में नॉन-एसी पंजीकृत थी, जिसे मालिक ने अवैध रूप से एसी में बदल दिया। परिवहन विभाग को इसकी जानकारी नहीं थी। कलेक्टर ने परिवहन कार्यालय का दौरा किया और दस्तावेजों की जांच की। बस सड़क पर आने के 14 दिन बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। सरकार ने सभी पंजीकृत बसों की जांच के आदेश दिए हैं।

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    जैसलमेर बस अग्निकांड में बड़ा खुलासा, अब अन्य बसों की भी जांच शुरू (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के जैसलमेर में हुए दर्दनाक बस हादसे में बीस लोगों के जिंदा जलने की खबर ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। हादसे की जांच में सामने आया है कि जिस बस में आग लगी, वह मूल रूप से चित्तौड़गढ़ में नॉन एसी बस के रूप में पंजीकृत थी, लेकिन बस मालिक ने नियमों के विरुद्ध जाकर इसे AC में मॉडिफाई करवा लिया था।

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    इस गैरकानूनी बदलाव की भनक परिवहन विभाग के अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाई। हादसे के बाद अब बस मालिक की अन्य बसों की भी जांच शुरू कर दी गई है।

    कलेक्टर पहुंचे परिवहन कार्यालय, मांगी रिपोर्ट

    हादसे के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने बुधवार को प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कार्यालय का दौरा किया। यहां उन्होंने परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक और जिला परिवहन अधिकारी नीरज शाह से बस के पंजीयन से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी ली।

    नॉन एसी में हुई थी पंजीकृत, बाद में नियम तोड़कर बनाया एसी

    परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बस का पंजीयन नॉन एसी श्रेणी में हुआ था, लेकिन मालिक ने बिना अनुमति के इसे एसी में बदलवा दिया। चित्तौड़गढ़ जिला परिवहन अधिकारी नीरज शाह के अनुसार, “बस का पंजीयन 21 मई को हुआ था और तीन महीने में बॉडी तैयार कर सड़क पर उतारी गई। पंजीयन के 15 दिन के भीतर क्या मॉडिफिकेशन करवाया गया, यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।”

    सड़क पर आई नई बस, 14 दिन में हादसा

    जांच में यह भी सामने आया है कि 1 अक्टूबर को बस सड़क पर उतारी गई थी, जबकि 14 अक्टूबर को हादसा हो गया। नई बस में हुए इस बड़े हादसे ने निर्माण गुणवत्ता और तकनीकी निरीक्षण प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब राज्य सरकार ने सभी पंजीकृत बसों की जांच के निर्देश जारी किए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।