Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    3000 किलो विस्फोटक, यूपी से कश्मीर तक आतंकियों का नेटवर्क; संसद हमले को दोहराने की थी तैयारी

    By NILOO RANJAN KUMAREdited By: Swaraj Srivastava
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 08:41 PM (IST)

    श्रीनगर में जैश के पोस्टर से शुरू हुई जांच फरीदाबाद में 3000 किलो विस्फोटकों तक पहुंची। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जिसमें सात आतंकी गिरफ्तार हुए। जांच में युवाओं को पत्थरबाजी के लिए पैसे देने और आतंकी संगठनों में शामिल करने का खुलासा हुआ। जैश 24 साल बाद दिल्ली को दहलाने की साजिश रच रहा था, संसद हमले को दोहराने की तैयारी थी।

    Hero Image

    जैश ए मोहम्मद के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश (फोटो: पीटीआई)

    नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। श्रीनगर के बनपोरा नवगाम में जैश ए मोहम्मद के तीन पोस्टर से शुरू हुई जांच फरीदाबाद में लगभग 3000 किलोग्राम विस्फोटकों तक पहुंच गई। श्रीनगर के एसएसपी संदीप चक्रवर्ती के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर पुलिस एक एक कड़ी जोड़ते हुए कश्मीर, उत्तरप्रदेश के सहारनपुर और लखनऊ के साथ-साथ हरियाणा के फरीदाबाद तक फैले जैश ए मोहम्मद के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करने में सफल रही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेटवर्क से जुड़े साथ आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। आपरेशन महादेव में पहलगाम हमले के आरोपी तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले संदीप चक्रवर्ती को गृहमंत्री दक्षता पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

    युवाओं के पत्थरबाजी के लिए पैसे देता था

    आतंकी मामलों की जांच का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर में जैश ए मोहम्मद का पोस्टर मिलना बड़ी बात नहीं है। लेकिन 19 अक्टूबर को पुलिस को धमकी भरे पोस्टर को संदीप चक्रवर्ती ने गंभीरता से लिया और उसके तह तक जाने का निर्देश दिया। पोस्टर लगाने वाले तीन युवकों ने पूछताछ में बताया कि उसने सोपियां के मौलवी इरफान अहमद के कहने पर पैसे लेकर पोस्टर लगाए थे।

    शुरू में अहमद ने आनाकानी की, लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह पहले युवाओं के पत्थरबाजी के लिए पैसे देता था और साथ ही उन्हें आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए तैयार भी करता था। उसी क्रम में उसने अनंतनाग के गवर्मेंट मेडिकल कालेज के डाक्टर मुजामिल अहमद गनी के 2022 में जैश ए मोहम्मद में शामिल कराने का खुलासा किया।

    डाक्टर गनी की खोज करते हुए टीम सहारनपुर तक पहुंची। डाक्टर की निगरानी और बाद में गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद श्रीनगर पुलिस को जैश ए मोहम्मद और उससे जुड़े गजवत उल ¨हद के बड़े नेटवर्क का पता चला।

    24 साल बाद संसद हमले जैसा कांड दोहराने की थी तैयारी

    दिल्ली से सटे फरीदाबाद में लगभग 3000 किलो विस्फोटकों की बरामदगी से साफ है कि जैश ए मोहम्मद 24 साल बाद फिर से दिल्ली को दहलाने की साजिश रच रहा था। 2001 में 13 दिसंबर को जैश ए मोहम्मद ने संसद भवन पर आतंकी हमले को अंजाम दिया था। सुरक्षा बलों की बहादुरी और बलिदान ने जैश के मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया और आतंकियों को संसद भवन के भीतर घुसने पहले ही मार गिराया था।

    सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक जैश ए मोहम्मद के निशाने पर कौन था और किसको निशाना बनाना चाहता था स्पष्ट नहीं है। पकड़े गए नेटवर्क के आतंकियों को फिलहाल बड़ी मात्रा में सुरक्षित स्थानों पर विस्फोटक और उससे आइईडी बनाने के लिए जरूरी सामग्री इकट्टा करने के निर्देश दिये गए थे। फरीदाबाद से विस्फोटक के साथ बड़ी संख्या में मिले डेटोनेटर्स और टाइमर से साफ है कि जैश की मंशा कई स्थानों पर एक साथ आइईडी विस्फोट करने की थी।

    इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक की बरादमगी से साफ है कि इसकी तैयारी लंबे समय से चल रही थी और मुजम्मिल अहमद गनी को सहारनपुर में इसी उद्देश्य के साथ भेजा गया था। ताकि दिल्ली में खुफिया एजेंसियों की नजरों से दूर रहे और दिल्ली से सटे फरीदाबाद में आतंकी हमले की जमीन तैयार कर सके।