कर्नाटक हाईकोर्ट से सिद्दरमैया को लगा तगड़ा झटका, RSS को मिली बड़ी राहत
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सिद्दरमैया सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर 10 से अधिक लोगों के एकत्रित होने के लिए पहले से अनुमति लेना अनिवार्य था। सरकार ने इस आदेश का बचाव करते हुए पिछली भाजपा सरकार के एक परिपत्र का हवाला दिया। मंत्री प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, जिसके बाद यह आदेश आया था। आरएसएस को बड़ी राहत मिली।

हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश पर लगाई रोक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर 10 से अधिक लोगों के एकत्रित होने के लिए पहले से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया था।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बीते 18 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में निजी संगठन, संघ या व्यक्तियों के समूहों को संस्था से जुड़ी गतिविधियों के लिए सरकारी संपत्ति या परिसर का उपयोग करने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य किया गया था। हालांकि इस आदेश में संघ का नाम साफ तौर से नहीं लिखा गया था, लेकिन ऐसा कहा जा रहा था कि आदेश के प्रावधानों का उद्देश्य हिंदू संगठनों की गतिविधियों को प्रभावित करना है।
हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश पर लगाई रोक
सरकारी आदेश के बाद कोर्ट में इसे चुनौती दी गई। कोर्ट में राज्य सरकार ने अपने आदेश का बचाव करते हुए तत्कालीन भाजपा सरकार के तहत शिक्षा विभाग द्वारा जारी 2013 के एक परिपत्र का हवाला दिया है, जिसमें स्कूल परिसर और खेल के मैदानों का उपयोग केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए प्रतिबंधित किया गया था।
आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध की मांग
बता दें यह आदेश कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग के कुछ दिनों बाद आया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने बीते 4 अक्टूबर को सिद्दरमैया को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि आरएसएस सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर भी अपनी शाखाएं चला रहा है, जहां "नारे लगाए जाते हैं और बच्चों और युवाओं के मन में नकारात्मक विचार भरे जाते हैं।"

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