Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानें- चीन और अमेरिका के लिए F-35 का मलबा भी क्‍यों है बेहद खास, जानें- इस विमान की खासियत

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Thu, 27 Jan 2022 02:59 PM (IST)

    अमेरिका किसी भी तरह से अपने क्रैश हुए फाइटर जेट एफ-35 के मलबे को जल्‍द से जल्‍द दक्षिण चीन सागर से तलाश लेना चाहता है। वहीं चीन भी इस काम में लगा है। दोनों के लिए ही इसके अपने मायने और अहमियत है।

    Hero Image
    अमेरिका का मोस्‍ट एडवांस्‍ड जेट है एफ-35 लड़ाकू विमान

    नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। दक्षिण चीन सागर में दुर्घटनाग्रस्‍त हुए अमेरिका के मोस्‍ट एडवांस्‍ट फाइटर जेट एफ-35 के मलबे को तलाशने में अमेरिका और चीन दोनों ही लगे हैं। इसकी वजह भी बेहद खास है। अमेरिका नहीं चाहता है कि इसके मलबे के जरिए चीन उसकी अति उन्‍नत तकनीक का पता लगा सके। वहीं चीन किसी भी सूरत में न सिर्फ इसके मलब बल्कि इसके ब्‍लैक बाक्‍स को भी खोज लेना चाहता है जो शायद अब तक समुद्र की गहराइयों में छिपा होगा। इसके जरिए चीन न सिर्फ अमेरिका की यहां पर मौजूदगी बल्कि इससे जुड़ी दूसरी अतिमहत्‍वपूर्ण जानकार‍ियां भी हासिल कर लेना चाहता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मोस्‍ट एडवांस्‍ड जेट एफ-35

    बहरहाल, आपको बता दें कि एफ-35 फाइटर जेट अमेरिका का बेहद एडवांस्‍ड जेट है जिसका इस्‍तेमाल अमेरिका का अलावा, ब्रिटेन और आस्‍ट्रेलिया द्वारा भी किया जाता है। ये दुश्‍मन के राडार से छिपा रह सकता है इसलिए ये एक स्टिल्‍थ फाइटर जेट है। ये एक ऐसी तकनीक है जिसको हर देश चाहता है। इस जेट का इस्‍तेमाल अनुमन बेहद खास आपरेशन के लिए किया जाता है। 100 करोड़ डालर का ये जेट अमेरिका के लिए बेहद खास है। इसकी वजह ये भी है कि ये एक मल्‍टी रोल कांबेट एयरक्राफ्ट है, जिसका इस्‍तेमाल कई चीजों के लिए किया जा सकता है।

    लाकहिड मार्टिन ने किया निर्माण

    इसका निर्माण लाकहिड मार्टिन कंपनी ने किया है। इसकी एक बड़ी खासियत इसका शार्टटेक आफ और वर्टिकल लैंडिंग है। ये इसके तीन बेहद खास वैरिएंट में से एक है। इसके जरिए ये कहीं भी उतर सकता है। इस जेट की खासियत और अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसकी फंडिंग में अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, आस्‍ट्रेलिया, कनाडा, इटली, नार्वे, डेनमार्क और नीदरलैंड भी शामिल रहे हैं। इसको पाने के लिए कई देशों ने आर्डर भी किया है।

    पहली बार यूएस मरीन में शामिल हुआ था जेट

    एफ-35 को पहली बार जुलाई 2015 में यूएस मरीन सर्विस में शामिल किया गया था। इसके बाद वर्ष 2016 में इसको यूएस एयरफोर्स और यूएस में इसको वर्ष 2019 में शामिल किया गया था। पहली बार इसका इस्‍तेमाल कांबेट के लिए इजरायली फोर्स ने वर्ष 2018 में किया था। अमेरिका की योजना वर्ष 2044 तक इसके करीब 2456 जेट खरीदने की है। इससे अमेरिका की वायु सेना की ताकत और अधिक हो जाएगी।

    कुछ खास जानकारी

    इस F-35 फाइटर जेट की लंबाई करीब 51.4 फीट है और इसके पंखों की चौड़ाई करीब 35 फीट है। इसकी ऊंचाई 14 फीट से अधिक है। बिना हथियारों के इसका वजह करीब 13,290 किलाग्राम है। वहीं हथियारों के बीच इसका वजह करीब 50 हजार किग्रा हो जाता है।

    18 हजार से अधिक की इसकी फ्यूल कैपेसिटी है और ये अधिकतम 70 हजार किलो वजन के साथ उड़ान भर सकता है। एक बार में ये अधिकतम 2800 किमी तक जा सकता है और इसकी स्‍पीड की बात करें तो ये करीब 1.6 मैक की है। इसमें दर्जनों मिसाइलें लग सकती हैं, जिनमें एयर टू एयर, एयर टू सर्फेस, एंटी शिप मिसाइल शामिल हैं। ये जेट दुनिया के कुछ घातक फाइटर जेट में से एक है।

    ये भी पढ़ें:- 

    चीन से पहले अपने क्रैश हुए मोस्‍ट एडवांस्‍ड फाइजर जेट एफ-35 के मलबे को तलाशना चाहता है अमेरिका

    comedy show banner
    comedy show banner