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    'वो क्या सोचते हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता', महाराष्ट्र में विपक्ष के बीच आई दरार? संजय राउत का कांग्रेस पर हमला

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 05:57 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की हार के बाद, महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है। संजय राउत ने कहा कि एमएनएस और शिवसेना के गठबंधन में कांग्रेस की राय मायने नहीं रखती। शरद पवार की एनसीपी ने भी एकजुट होकर भाजपा का सामना करने की बात कही है। कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जिससे विपक्ष की एकता पर सवाल उठ रहे हैं।

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    राज्यसभा सांसद संजय राउत। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की बुरी तरह से हार के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी को लेकर गठबंधन के साथी दलों विरोधी सुर उठने लगने हैं। इसी क्रम में महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है।

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    पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि अगर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना साथ आना चाहते हैं और इस गठबंधन के बारे में कांग्रेस क्या सोचती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

    संजय राउत ने क्या कहा?

    राउत ने कहा कि कांग्रेस जो भी फैसला करती है, यह उसका निजी फैसला है, लेकिन एमएनएस या शिवसेना (यूबीटी) किसी की इजाजत का इंतजार नहीं करेगी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "...शिवसेना और एमएनएस पहले ही एक साथ आ चुके हैं, यह लोगों की इच्छा है। इसके लिए किसी के आदेश या अनुमति की कोई जरूरत नहीं है। शरद पवार और लेफ्ट पार्टियां भी इस पर एक साथ हैं।"

    शरद पवार की एनसीपी ने जताई यह इच्छा

    शरद पवार की एनसीपी ने इशारा किया है कि एकजुट होकर भाजपा का सीधा सामना करना बेहतर होगा। उन्होंने मुंबई में पार्टी की एक मीटिंग में यह बात बताई, जहां उन्होंने नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने की साफ इच्छा दिखाई।

    एनसीपी, शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन को फाइनल करने के करीब है। इससे यह भी इशारा मिला कि अगर एमएनएस गठबंधन में शामिल होती है तो एनसीपी उसे स्वीकार कर लेगी। एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा, "सभी स्वाभाविक मित्रों को साथ रहना चाहिए। सभी एमवीए पार्टियों - समाजवादी, कम्युनिस्ट पार्टियों, अंबेडकर पार्टियों, कार्यकर्ताओं ने कहा है कि इन सभी पार्टियों को एक साथ लड़ना चाहिए।"

    कांग्रेस का क्या रहा रुख?

    कांग्रेस पारंपरिक रूप से एमएनएस के खिलाफ रही है। वह विचारधारा के मामले में अलग मानती है। लेकिन उद्धव ठाकरे मुंबई में आने वाले नगर निगम चुनाव अपने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगियों और चचेरे भाई राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के साथ मिलकर लड़ने को तैयार हैं, इसलिए कांग्रेस को भी साथ लाने की कोशिश की जा रही है।

    कांग्रेस पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी। इस ऐलान से महाराष्ट्र में विपक्ष की चुनावी एकता की संभावना पर सवालिया निशान लग गया है। हालांकि कांग्रेस ने ठाकरे भाइयों के फिर से मिलने का स्वागत किया है, लेकिन उसने एमएनएस के साथ राजनीतिक तालमेल से परहेज किया है।

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