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    शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता सरकार को बड़ी राहत, नहीं होगी सीबीआई जांच; सुप्रीम कोर्ट ने रद किया HC का आदेश

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Tue, 08 Apr 2025 02:47 PM (IST)

    SC on Bengal teacher recruitment scam सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के एक फैसले पर रोक लगाते हुए बंगाल की ममता सरकार को राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने एचसी के उस फैसले के एक हिस्से को खारिज कर दिया जिसमें बंगाल सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था।

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    SC on Bengal teacher recruitment scam बंगाल सरकार को राहत मिली। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में आज ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले के एक हिस्से को खारिज कर दिया, जिसमें बंगाल सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था।

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    इस मामले में जारी रहेगी जांच

    शीर्ष अदालत ने यह स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल के राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों (SC on Bengal teacher recruitment scam) और कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित अन्य पहलुओं की कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सीबीआई जांच जारी रहेगी।

    "अतिरिक्त पद" से तात्पर्य ऐसे अस्थायी पद से है, जो किसी ऐसे कर्मचारी को समायोजित करने के लिए बनाया गया हो, जो किसी नियमित पद का हकदार हो, जो फिलहाल नहीं है।

    होईकोर्ट ने दिया था जांच का आदेश

    बता दें कि बंगाल शिक्षा विभाग ने एसएससी भर्ती के लिए लगभग 6,000 अतिरिक्त रिक्तियां सृजित की थीं। इस निर्णय को राज्य मंत्रिमंडल ने भी मंजूरी दे दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि अतिरिक्त रिक्तियां सृजित करने का निर्णय सही नहीं था। आवश्यक हो तो सीबीआइ मंत्रिमंडल के सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट रूख किया था।

    कोर्ट ने 25000 शिक्षकों की नियुक्ति को बताया अवैध

    मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने 3 अप्रैल को 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार देते हुए पूरी चयन प्रक्रिया को "दूषित और दागदार" करार दिया था।