टायर जलाए, सड़कें खोदी... मणिपुर में फ्री मूवमेंट के पहले ही दिन सुरक्षाबलों और उग्रवादियों में झड़प, 1 की मौत
मणिपुर में केंद्र सरकार ने 8 मार्च से सुरक्षित यातायात का आदेश दिया। इस आदेश के तहत बस सेवाएं शुरू की गईं लेकिन कुकी जनजातियों ने इसे अस्वीकार करते हुए अलग प्रशासन की मांग की। कांगपोकपी में हिंसा भड़कने से 1 शख्स की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है और सड़क अवरोध हटाए जाएंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मणिपुर में 8 मार्च यानी आज से सुरक्षित यातायात के लिए Manipur Free Movement का आदेश दिया था। इसके तहत राज्यभर में बस सेवाएं शुरू की गई, जिसमें इंफाल से सेनापति जिले के रास्ते कांगपोकपी और इंफाल से विष्णुपुर तक की बस सेवाएं शामिल हैं। लेकिन इस आदेश के पहले ही रोज कुछ जगहों पर हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
As per decision of the State Government dated 7th March, 2025 to arrange bus service by Manipur State Transport Buses under security escort to alleviate public inconveniences as an initiative towards bringing normalcy in the State from 8th March, 2025, Manipur State Transport Bus…
— Manipur Police (@manipur_police) March 8, 2025
कुकी जनजातियां अलग प्रशासन की कर रही मांग
बता दें कुकी जनजातियां तब तक स्वतंत्र आवागमन नहीं चाहतीं, जब तक कि राज्य से अलग प्रशासन बनाने की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती। कई बसें राज्य की राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में अवरोधकों को तोड़ते हुए आगे बढ़ते हुए दिखाई दी।
राजमार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रही कुकी जनजाति की कई महिलाएं सुरक्षा बलों के लाठीचार्ज में घायल हो गईं। केंद्र ने घोषणा की है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति शासन के अधीन आए राज्य में आज से कहीं भी सड़क अवरोध नहीं होगा।
Last week, Home Minster Amit Shah declared that free movement should be allowed across all roads in Manipur from March 8. In a state where so many issues remain unresolved, attempts to move a Manipur transport bus was met with opposition. Women blocked the road pic.twitter.com/Hr7Kp8FEo8
— Greeshma Kuthar (@jeegujja) March 8, 2025
कई इलाके में पत्थरबाजी और टायर जलाए गए
मणिपुर में कुकी बहुल कई इलाकों से झड़पों की खबरें आई हैं। स्थानीय लोगों द्वारा शेयर किए गए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को वाहनों पर पत्थर फेंकते, सड़कें खोदते, टायर जलाते और बैरिकेड लगाते हुए देखा जा सकता है। कुछ लोगों ने सुरक्षा बलों पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें वापस जाने के लिए कहा।
कुकी नेताओं और लगभग दो दर्जन उग्रवादी समूहों, जिन्होंने कार्रवाई स्थगन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और उनके अग्रणी नागरिक संगठनों ने मांग की है कि केंद्र सरकार समुदायों को मणिपुर में खुलेआम घूमने की इजाजत देने से पहले एक अलग प्रशासन दे।
पहले भी की गई थी आवागमन शुरू करने की कोशिश
दिसंबर 2024 में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी राज्य में आवागमन को फिर से शुरू रखने की लिए कदम उठाए थे लेकिन कोई यात्री ही स्टेशन पर नहीं आया था। उन्होंने इम्फाल से कांगपोकपी और चुराचांदपुर तक सरकारी बसों की सुविधा शुरू की थी. लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।
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