पहली बार कोलकाता-आइजोल के बीच शुरू होने जा रही ट्रेन सेवा, 13 सितंबर को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
मिजोरम अब सीधे ट्रेन से जुड़ गया है। 13 सितंबर को आइजोल और कोलकाता के बीच सीधी ट्रेन सेवा शुरू होगी। प्रधानमंत्री मोदी आइजोल को जोड़ने वाले 51.38 किलोमीटर लंबे बइरबी-सायरंग रेलमार्ग का उद्घाटन करेंगे। कोलकाता-सायरंग एक्सप्रेस कोलकाता से सप्ताह में तीन दिन चलेगी जिससे मिजोरम की यात्रा आसान हो जाएगी। इस रेल परियोजना में 45 सुरंगें और देश का दूसरा सबसे ऊंचा पियर ब्रिज है।

राजीव कुमार झा, जागरण, कोलकाता। पूर्वोत्तर में स्थित सुदूरवर्ती राज्य मिजोरम तक अब लोग सीधे ट्रेन से जा सकेंगे। आगामी 13 सितंबर को पहली बार मिजोरम की राजधानी आइजोल से कोलकाता के बीच सीधी ट्रेन सेवा शुरू होने जा रही है। देश की आजादी के 78 वर्ष बाद मिजोरम रेल नेटवर्क से जुड़ने को पूरी तरह तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 सितंबर को आइजोल को जोड़ने वाले 51.38 किलोमीटर लंबी नवनिर्मित बइरबी-सायरंग रेलमार्ग और दो नई ट्रेनों का उद्घाटन करेंगे। यह लाइन असम-मिजोरम सीमा के पास स्थित बइरबी से शुरू होकर, राजधानी आइजोल से मात्र 18 किलोमीटर दूर बसे छोटे नगर सायरंग तक पहुंचती है।
कोलकाता में पूर्व रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (पीसीसीएम) डॉ. उदय शंकर झा ने बताया कि पीएम मोदी उस दिन आइजोल के सायरांग से कोलकाता स्टेशन तक के लिए एक एक्सप्रेस ट्रेन और सायरांग से नई दिल्ली के आनंद बिहार तक के लिए मिजोरम की पहली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन का भी उद्घाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि 13125 कोलकाता- सायरंग एक्सप्रेस के शुरू होने से कोलकाता के लोग आसानी से मिजोरम की खूबसूरत वादियों तक पहुंच सकेंगे।
कोलकाता स्टेशन से सप्ताह में तीन दिन खुलेगी यह ट्रेन
डॉ. झा ने बताया कि यह ट्रेन कोलकाता स्टेशन से सप्ताह में तीन दिन शनिवार, मंगलवार और बुधवार को रवाना होगी। वापसी में 13226 सायरंग- कोलकाता एक्सप्रेस सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार को सायरंग से खुलेगी। 22 कोच वाली इस ट्रेन के सभी डिब्बे एलएचवी होंगे।
कोलकाता और सायरंग स्टेशनों के मध्य इस ट्रेन का ठहराव नैहाटी, कृष्णानगर सिटी, बहरमपुर कोर्ट, मुर्शिदाबाद, आजिमंग, जंगीपुर रोड, न्यू फरक्का, मालदा टाउन, किशनगंज, न्यू जलपाईगुड़ी, न्यू कूचबिहार, तूफानगंज, गोलकगंज, गौरीपुर, विसालपुर, अभयपुरी, गोवालपाड़ा टाउन, कामाख्या, गुवाहाटी, होजाई, न्यू हाफलाम, बदरपुर, हैलाकांडी और बइरबी में होगा।
भारतीय रेलवे के लिए बड़ी उपलब्धि है यह रेल परियोजना
झा ने बताया कि यह रेल परियोजना न केवल भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण थी, बल्कि इंजीनियरिंग और निर्माण की दृष्टि से भी भारतीय रेल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 51.38 किमी लंबी यह नई रेल लाइन घने बांस के जंगलों, गहरी घाटियों और खड़ी पहाड़ियों से गुजरते हुए लुशाई (मिजो) पर्वतों से होकर निकलती है। 45 सुरंगों और 55 मुख्य ब्रिजों वाली इस रेल लाइन पर देश का दूसरा सबसे ऊंचा पियर ब्रिज बना है, जिसकी ऊंचाई 114 मीटर है, यानी कुतुब मीनार से भी अधिक ऊंचा।
बइरबी-सायरंग रेल परियोजना के पूरा होने से पूर्वोत्तर भारत के चार राज्यों की राजधानियों से रेल संपर्क स्थापित हो सकेगा। अब तक पूर्वोत्तर क्षेत्र की तीन राजधानियां, गुवाहाटी (असम), इटानगर (अरुणाचल प्रदेश) और अगरतला (त्रिपुरा) सीधे रेल नेटवर्क से जुड़ी थीं।
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