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    Mohini Mohan Dutta: रतन टाटा की वसीयत का 'मिस्ट्री मैन', जिनके हिस्से आने वाली है करीब 500 करोड़ की संपत्ति

    By Jagran News Edited By: Jagran News Network
    Updated: Fri, 07 Feb 2025 01:55 PM (IST)

    रतन टाटा ने अपनी वसीयत में एक मिस्ट्री मैन का जिक्र किया है जिन्हें करीब 500 करोड़ की संपत्ति दी गई है उनका नाम है मोहिनी मोहन दत्ता। दत्ता ने खुलासा किया था कि वो और रतन टाटा सालों से एक दूसरे को जानते हैं और उन दोनों की पहली मुलाकात जमशेदपुर में डीलर्स हॉस्टल में हुई थी। दत्ता को रतन टाटा ने 500 करोड़ की संपत्ति दे दी है।

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    रतन टाटा (फोटो सोर्स- जागरण फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2024 के अक्टूबर के महीने में देश ने एक महान व्यक्ति को खो दिया, जिन्होंने पूरी जिंदगी लोगों की मदद की और अब उनके निधन के बाद भी उनकी चर्चा आए दिन होती रहती है। हम बात कर रहे हैं रतन टाटा की।

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    रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को हुआ था। उनके निधन के बाद से लगातार ऐसी बातें सामने आती रही है कि आखिर उनकी संपत्ति किसे मिलेगी?

    अब एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें एक 'मिस्ट्री मैन' के बारे में जिक्र है, जिन्हें रतन टाटा की संपत्ति में करीब 500 करोड़ की हिस्सेदारी मिल सकती है। दरअसल, द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा ने अपनी 500 करोड़ की संपत्ति मोहिनी मोहन दत्ता को दे दी है, जो रतन टाटा और परिवार वालों के करीबी व्यक्ति माने जाते हैं।

    रतन टाटा ने जो वसीयत बनवाई है उसमें मोहिनी मोहन दत्ता का जिक्र उनके एक और उत्तराधिकारी के रूप में है। हालांकि, यह 500 करोड़ की संपत्ति मोहिनी मोहन दत्ता को प्रोबेट से गुजरने और उच्च न्यायालय द्वारा प्रमाणित होने के बाद ही दिया जाएगा। अभी इस काम में करीब छह महीने का वक्त लग सकता है।

    कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता?

    मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के एक उद्यमी हैं और वह स्टैलियन कंपनी के सह-मालिक हैं। हालांकि, स्टैलियन बाद में जा कर टाटा सर्विसेज का हिस्सा बन गया था। जब स्टैलियन का विलय टाटा सर्विसेज में हुआ, उससे पहले मोहिनी मोहन दत्ता के पास कंपनी में 80% की हिस्सेदारी थी और टाटा सर्विसेज के पास शेष 20% हिस्सेदारी थी।

    मोहिनी मोहन दत्ता ने रतन टाटा के अंतिम संस्कार के समय यह खुलासा किया था कि, वो और रतन टाटा एक दूसरे को सालों पहले से जानते थे और वो दोनों पहली बार जमशेदपुर में डीलर्स हॉस्टल में मिले थे जब वो सिर्फ 24 साल के थे। हालांकि, रतन टाटा की वसीयत में जब मोहिनी मोहन दत्ता का नाम आया तो काफी लोगों को उनके बारे में पता चला था। इससे पहले लोगों ने उनका नाम नहीं सुना था।

    टाटा समूह के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मोहिनी मोहन दत्ता ने हमेशा ही यह कहा है कि वह रतन टाटा के परिवार के करीबी रहे हैं। पिछले दिनों दत्ता न मीडिया से कहा था कि, रतन टाटा ने मेरी मदद की थी और उन्होंने ही मुझे काबिल बनाया है।

    ऐसा माना जाता है कि, रतन टाटा के साथ दत्ता का जुड़ाव लगभग छह दशक पुराना था। कथित तौर पर पिछले साल दिसंबर में रतन टाटा की जयंती समारोह में मोहिनी मोहन दत्ता भी आमंत्रित थे, जबकि इस कार्यक्रम में सिर्फ करीबी सहयोगी और परिवार के सदस्य ही शामिल हुए थे।

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    रतन टाटा की वसीयत

    आपको बता दें, रतन टाटा की वसीयत उनकी मृत्यु के लगभग दो सप्ताह बाद सार्वजनिक किया गया था। इसमें उनके भाई, सौतेली बहनों, उनके समर्पित घरेलू कर्मचारियों और उनके कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू सहित कई लाभार्थियों के बीच धन आवंटित किया गया है।

    रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते टीटो की असीमित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए भी कई प्रावधान किए हैं। उनकी संपत्ति में अलीबाग में एक समुद्र तट बंगला, जुहू में एक दो मंजिला घर, 350 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट और टाटा संस में हिस्सेदारी शामिल है।

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