समुद्री क्षेत्र में बढ़ रहे साइबर खतरे, निपटने के लिए नौसेना ने आयोजित किया सेमिनार
भारतीय नौसेना ने गुरुवार को समुद्री क्षेत्र में साइबर खतरों की समझ विकसित करने और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए मुख्य हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक सेमिनार आयोजित किया।

समुद्री क्षेत्र में साइबर खतरों से निपटने के लिए नौसेना ने आयोजित किया सेमिनार (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने गुरुवार को समुद्री क्षेत्र में साइबर खतरों की समझ विकसित करने और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए मुख्य हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक सेमिनार आयोजित किया।
'साइबर हमलों का समुद्री क्षेत्र पर प्रभाव और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर इसके प्रभाव' शीर्षक से, यह सेमिनार सुषमा स्वराज भवन में आयोजित किया गया।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि भारत के आर्थिक और सुरक्षा लक्ष्यों के लिए सरकार समुद्री क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है।
यही वजह है कि 'समुद्र से समृद्धि' के दृष्टिकोण के तहत, भारत के समुद्री विकास को सागर अमृत काल दृष्टि 2047, सागरमाला और पीएम गति शक्ति जैसे पहलों द्वारा निर्देशित किया जा रहा है।
नौसेना प्रमुख ने सभी समुद्री प्रणालियों में साइबर सुरक्षा को प्रारंभ से ही समाहित करने और हितधारकों के बीच त्वरित सूचना साझा करने के लिए समन्वय को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा में साइबर सुरक्षा के बढ़ते महत्व और ''एक मजबूत, लचीला और उत्तरदायी समुद्री साइबर रक्षा आर्किटेक्चर बनाने की हमारी जिम्मेदारी'' पर जोर दिया।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कार्यक्रम समुद्री क्षेत्र में साइबर खतरों की समझ विकसित करने और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा स्थिति मजबूत करने के लिए मुख्य हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
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