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    Nimisha Priya: यमन में भारतीय नर्स को खतरा नहीं, निमिषा प्रिया की सजा-ए-मौत का केस कहां तक पहुंचा?

    सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि यमन में हत्या के मामले में जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को तत्काल कोई खतरा नहीं है। निमिषा प्रिया को कानूनी सहायता देने वाले संगठन ने मामले को स्थगित करने का अनुरोध किया जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई आठ हफ्ते बाद करने का फैसला किया।

    By Digital Desk Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Thu, 14 Aug 2025 08:00 PM (IST)
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    सर्वोच्च अदालत ने मामले में सुनवाई आठ हफ्ते के लिए टाली दी। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि यमन में हत्या के मामले में जेल में फांसी की सजा के लिए कतारबद्ध भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के लिए ''तत्काल कोई खतरा'' नहीं है। इसके बाद मामले को आठ सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।

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    निमिषा प्रिया को कानूनी सहायता प्रदान करने वाले याचिकाकर्ता संगठन सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल के वकील ने जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की खंडपीठ से मामले को स्थगित करने का अनुरोध किया।

    निमिषा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रहा SC

    सर्वोच्च न्यायालय एक याचिका की सुनवाई कर रहा है, जिसमें केंद्र से यह निर्देश देने की मांग की गई है कि केरल के पलक्कड़ की रहने वाली 38 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के लिए कूटनीतिक चैनलों का उपयोग करे।

    निमिषा पर अभी कोई खतरा नहीं

    वकील ने कहा, ''बातचीत जारी है। फिलहाल खतरा नहीं है। कृपया इसे चार सप्ताह के लिए स्थगित करें। उम्मीद है तब तक सब कुछ समाप्त हो जाएगा।'' पीठ ने कहा, ''इस मामले को आठ सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाए।''

    निमिषा को बाहर लाने की हर संभव मदद की कोशिश

    याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यदि कोई आपात स्थिति होगी तो वे सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मामले का उल्लेख करेंगे। पिछले महीने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया गया था कि 16 जुलाई को होने वाली प्रिया की फांसी को रोक दिया गया है। 18 जुलाई को केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि प्रयास जारी हैं और सरकार प्रिया को सुरक्षित बाहर लाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है।

    किस मामले में निमिषा को हुई है फांसी?

    नर्स को 2017 में अपने यमनी व्यवसायी साथी तलाल अब्दो माहदी की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। नर्स पर आरोप था कि प्रताडि़त करने वाले माहदी ने उसका पासपोर्ट तक छीन लिया था। उसे उसने बेहोशी का इंजेक्शन दिया। लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई। प्रिया को 2020 में फांसी की सजा सुनाई गई और 2023 में उनकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई। वह यमन की राजधानी सना में एक जेल में बंद हैं। (इनपुट पीटीआई के साथ)

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