खंडवा में पहली बार: बगैर टिकट ट्रेन में यात्रा करना पड़ा महंगा, कोर्ट ने तीन लोगों को सुनाई 52 दिन की सजा
खंडवा में बिना टिकट यात्रा करने पर तीन लोगों को रेलवे मजिस्ट्रेट अदालत ने जुर्माने के साथ 52 दिन की जेल की सजा सुनाई। शेख जाकिर, नासिर और मीनाक्षी पर रेलवे अधिनियम की धारा 145, 146 और 147 के तहत आरोप लगे। पहले भी जुर्माना भरकर छूट जाते थे, लेकिन इस बार कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और जेल भेज दिया।

खंडवा में बिना टिकट यात्रा पर जेल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खंडवा में रेलवे टिकट के बिना यात्रा करना तीन लोगों को महंगा पड़ गया। विशेष रेलवे मजिस्ट्रेट की अदालत ने ऐसे तीन आरोपितों को अर्थदंड के साथ 52 दिन के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह पहली बार है जब इस प्रकार के मामलों में कोर्ट ने केवल जुर्माने तक सीमित न रहकर सख्त सजा का प्रावधान किया है।
जानकारी के अनुसार, बुरहानपुर निवासी शेख जाकिर, नासिर और मीनाक्षी को रेलवे अधिनियम की धारा 145 (अशोभनीय आचरण), 146 (रेलवे कर्मचारी के कार्य में बाधा) और 147 (बिना टिकट रेलवे परिसर में प्रवेश) के अंतर्गत दोषी पाया गया। तीनों आरोपित पहले भी कई बार बिना टिकट प्लेटफार्म और ट्रेनों में यात्रा करते हुए पकड़े जा चुके हैं, लेकिन हर बार वे जुर्माना भरकर छूट जाते थे।
अर्थदंड से नहीं सुधरे, कोर्ट ने दी सख्त सजा
अधिवक्ता वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि अदालत ने इस बार आरोपितों की लगातार दोहराई जा रही गतिविधियों को गंभीरता से लिया। कोर्ट ने माना कि बार-बार की गई अपराधी प्रवृत्ति के चलते अब केवल अर्थदंड पर्याप्त नहीं रह गया है। इसलिए इस बार न्यायालय ने तीनों आरोपितों को अर्थदंड के साथ-साथ 52 दिन की जेल की सजा भी सुनाई है।
वहीं तीनों आरोपितों को जेल भी भेज दिया गया है।उल्लेखनीय है कि रेलवे अधिनियम की धारा 145, 146 और 147 के तहत किसी भी व्यक्ति को रेलवे परिसर में अवैध प्रवेश, कर्मचारियों के कार्य में बाधा डालना, और अनुशासनहीनता पर जेल तथा जुर्माने दोनों का प्रावधान है।
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