Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    अब कोचिंग-ट्यूशन की टेंशन होगी खत्म... घर बैठे छात्रों को मिलेगा हर समस्या का समाधान; ये है प्लान

    By Arvind PandeyEdited By: Swaraj Srivastava
    Updated: Tue, 28 Oct 2025 08:30 PM (IST)

    शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए नई पहल की है। एनसीईआरटी ने फेलो ट्यूटर के साथ मिलकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें छात्र वॉइस मैसेज से सवालों के जवाब पा सकेंगे। आठवीं से बारहवीं तक के छात्रों को 24 घंटे सुविधा मिलेगी। उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों के पिछड़े जिलों पर फोकस रहेगा। शुरुआत में यह सुविधा निशुल्क होगी।

    Hero Image

    सिर्फ एक वाइस मैसेज भेजकर पूरा समाधान पा सकेंगे (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली। स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में शिक्षा मंत्रालय ने एक और अहम पहल की है। जिसमें छात्रों को अब पढ़ाई से जुड़ी किसी कठिनाई पर परेशान या फिर कोचिंग-ट्यूशन आदि के चक्कर नहीं लगाने होंगे बल्कि घर बैठे मोबाइल पर सिर्फ एक वाइस मैसेज भेजकर पूरा समाधान पा सकेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( एनसीईआरटी) ने फेलो ट्यूटर नाम की एक निजी संस्था के साथ मिलकर देश के करीब दर्जनभर राज्यों में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है। इनमें सबसे अधिक फोकस इन राज्यों के उन जिलों और उनके उन स्कूलों पर होगा, जो पिछड़े व दूरदराज क्षेत्रों में मौजूद है, साथ ही उनका शैक्षणिक प्रदर्शन भी खराब है।

    छात्र के संतुष्ट होने पर ही वह एप से हटेंगे

    एनसीईआरटी ने इसे लेकर इस निजी ट्यूटर संस्थान के साथ एक समझौता भी किया है। जिसमें स्कूलों में आठवीं से बारहवीं तक पढ़ने वाले छात्र इसका लाभ ले सकेंगे। छात्रों के लिए यह सुविधा चौबीसों घंटे मुहैया रहेगी। इसके तहत सभी भाषाओं और विषयों के शिक्षक मुहैया रहेंगे। जो छात्रों के संदेश पर कुछ ही मिनटों में मोबाइल एप पर प्रकट होंगे और उनके सवालों के संतोषजनक जवाब देंगे। छात्र के संतुष्ट होने पर ही वह एप से हटेंगे।

    मंत्रालय से जुड़े उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने को लेकर करीब दर्जन भर राज्यों के साथ चर्चा हुई है, इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे प्रमुख राज्य शामिल है। इन राज्यों के खराब शैक्षणिक प्रदर्शन वाले जिलों और उनके स्कूलों को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है।

    मंत्रालय से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक यह पहल उन पिछड़े और दूरदराज क्षेत्रों में पढ़ने वाले छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना है, जो अभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी या फिर विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के नहीं होने से उन विषयों को ठीक से नहीं समझ पाते है, जो उनके भविष्य और कैरियर के जरूरी होते है। शिक्षा वैसे तो तरह से राज्य का विषय है लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने के बाद शिक्षा मंत्रालय राज्यों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया कराने से जुड़ी नई-नई पहलों को लेकर सक्रिय है।

    छात्र इस सुविधा को ऐसे ले सकेंगे लाभ

    छात्रों को इसके लिए अपने मोबाइल पर इस एप को डाउनलोड़ करना होगा। जिसमें उन्हें अपनी कक्षा, किसी भाषा में पढ़ाई कर रहे है, के साथ ही स्कूल का नाम और जिला, राज्य आदि का पूरा ब्यौरा देना होगा। जो राज्य या स्कूल इस सुविधा से जुड़ेंगे, उन्हें इन बच्चों को प्रमाणित करना होगा। इसके बाद तो वह चौबीसों घंटे में कभी भी किसी भी विषय या भाषा से जुड़े अपने की सवाल को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।

    शुरूआत में यह सुविधा सभी राज्यों को निशुल्क मुहैया करायी जाएगी। लेकिन बाद में इसके लिए राज्यों को कुछ राशि देनी पड़ सकती है। इन दौरान छात्रों से जुड़ी पूरी पढ़ाई पर एनसीईआरटी नजर रखेगा। बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन में इस पहल से आने वाले बदलाव का अध्ययन करेगा। परिणाम देखने के बाद ही इसे सभी राज्यों को मुहैया कराया जाएगा।