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    'पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम गुपचुप और अवैध', भारत ने खोल दी PAK की पोल

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 11:04 PM (IST)

    भारत ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को गुपचुप और अवैध बताया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ गई है। भारत ने पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिसके बाद कई देशों ने पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा है। इस खुलासे से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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    रणधीर जायसवाल। (पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। परमाणु हथियारों से संबंधित पाकिस्तान की गतिविधियां गुपचुप ही नहीं बल्कि अवैध भी हैं, यह बात सर्वविदित है। यह तथ्य उसके इतिहास से जुड़ा हुआ है। भारत ने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के पिछले हफ्ते दिए बयान के सिलसिले में कही है जिसमें पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों के गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण करने की बात कही गई थी।

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    ट्रंप ने कहा था कि अब अमेरिका भी परमाणु परीक्षण करेगा। ट्रंप के बयान की प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, भारत हमेशा से परमाणु हथियारों को लेकर पाकिस्तान की अवैध गतिविधियों के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकृष्ट करता रहा है। इस सिलसिले में पाकिस्तान के परमाणु बम के जनक अब्दुल कादिर खान की गतिविधियां बेहद विवादास्पद रही हैं।

    परमाणु तकनीक की तस्करी, अवैध रूप से उसके प्रसार और खतरनाक गोपनीय समझौते करने वाला एक्यू खान का नेटवर्क उनके जीवनकाल में ही बेपर्दा हो चुका था। इसके चलते पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में उसे नजरबंद भी किया था। पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का यही इतिहास है।

    काबुल में दूतावास बनाने का फैसला संबंधों को मजबूत करेगा

    जायसवाल ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा, काबुल में स्थित भारत के टेक्निकल मिशन का स्तर बढ़ाकर उसे दूतावास में तब्दील करने का फैसला अफगानिस्तान से भारत के संबंधों को मजबूत करेगा। भारत का ताजा कदम अफगानिस्तान में भारतीय गतिविधियां बढ़ाएगा और वहां की सरकार के साथ हमारे संबंध मजबूत करेगा।

    प्रवक्ता ने बताया कि भारत ने हाल के महीनों में थाइलैंड से 270 भारतीयों का प्रत्यावर्तन कराया है। इनमें से ज्यादातर साइबर अपराधों में लिप्त हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि हाल के महीनों में रूसी सेना ने 44 भारतीयों को भर्ती किया है। भारत ने इन सभी को वापस भेजने का अनुरोध रूस की सरकार से किया है।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)