कन्हैया लाल हत्याकांड में जावेद की जमानत के खिलाफ याचिका खारिज, पीठ ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एनआइए और उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल के बेटे की याचिकाओं को खारिज कर दिया। कन्हैया लाल की 2022 में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मोहम्मद जावेद को जमानत देने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एनआइए और उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल के बेटे की याचिकाओं को खारिज कर दिया। कन्हैया लाल की 2022 में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मोहम्मद जावेद को जमानत देने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। शीर्ष न्यायालय राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से जावेद को जमानत देने के आदेश के खिलाफ एनआइए और कन्हैया लाल के बेटे यश तेली की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
यश तेली के वकील की दलील थी कि जावेद की भूमिका गंभीर है। उसने हमलावरों को बताया था कि कन्हैया उस समय कहां था। राजस्थान हाईकोर्ट ने अपराध की गंभीरता पर गहराई से विचार किए बिना ही फैसला दिया जो उचित नहीं था। हत्या देश भर में सांप्रदायिक रूप से उत्तेजित माहौल में की गई थी।
याचिका में दावा किया गया कि मुख्य अभियुक्त ने हत्या की साजिश रची, हथियार जुटाए, जगह की रेकी की और ठिकाने की जानकारी के लिए जावेद को लगाया। घटना वाले दिन आरोपित ग्राहक बनकर कन्हैया लाल दर्जी की दुकान में घुसे। जब वह उनका नाप ले रहा था तो आरोपितों ने एक कैमरा लगा दिया साथ ही सांप्रदायिक नारे लगाए, कन्हैया लाल पर हमला किया और उसकी हत्या कर दी।
वहीं, एनआइए ने अपनी दलील में कहा कि आरोपित जावेद, कन्हैया लाल की दुकान के पास एक दुकान में काम करता था। जावेद ने ही हमलावरों को जानकारी दी थी कि कन्हैया लाल कहां मिलेगा।
इस घटना की जांच एनआइए कर रही है। इस्लाम के खिलाफ नूपुर शर्मा के समर्थन में इंटरनेट मीडिया पोस्ट पर कन्हैया लाल की आरोपितों ने 28 जून, 2022 को उदयपुर के हाथीपोल इलाके में उसकी दुकान पर हत्या कर दी थी।
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