'बहुत खतरनाक कदम', वंदे भारत में RSS का गीत गाए जाने से भड़के पिनाराई विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वंदे भारत एक्सप्रेस में आरएसएस का गीत गाए जाने की घटना की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे 'बहुत खतरनाक कदम' बताते हुए कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का उपयोग आरएसएस की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए करना अस्वीकार्य है। विजयन ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को एर्नाकुलम से बेंगलुरु जाने वाली नव उद्घाटित वंदे भारत एक्सप्रेस में स्कूली छात्रों से आरएसएस का गीत गवाने की निंदा की।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में विजयन ने कहा कि दक्षिण रेलवे द्वारा कराए गए इस कृत्य का विरोध किया जाना चाहिए। प्रसारित वीडियो में छात्रों को वंदे भारत एक्सप्रेस में आरएसएस का गीत गाते हुए दिखाया गया है।
सरकारी कार्यक्रम में संघ का गीत संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन- विजयन
उन्होंने कहा कि आरएसएस घृणा और सांप्रदायिक विभाजनकारी राजनीति करती है। उसके गीत को सरकार के आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल करना संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेलवे का इस्तेमाल संघ परिवार द्वारा अपने कथित सांप्रदायिक राजनीतिक प्रचार के लिए करना अस्वीकार्य है।
छात्रों से आरएसएस का राष्ट्रगान गवाना अत्यंत निंदनीय- विजयन
सीएम पिनाराई विजयन ने एक्स पर कहा, दक्षिण रेलवे द्वारा एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के अवसर पर छात्रों से आरएसएस का राष्ट्रगान गवाना अत्यंत निंदनीय है। अपनी सांप्रदायिक विचारधारा और नफरत फैलाने के लिए जाने जाने वाले संगठन के राष्ट्रगान को एक आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल करना संवैधानिक सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है।
राष्ट्रीय संस्थानों को कमजोर कर रहे- विजयन
उन्होंने कहा, अपने सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो साझा करके, रेलवे अधिकारियों ने यह उजागर कर दिया है कि कैसे संघ परिवार की राजनीति प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों को कमजोर कर रही है। कभी भारत के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रवाद का गौरवशाली प्रतीक रहे रेलवे का इस्तेमाल अब आधिकारिक कार्यों में सांप्रदायिक विचारधारा को घुसाने के लिए किया जा रहा है।
सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को इस खतरनाक कदम का विरोध करने के लिए एकजुट होना चाहिए।

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