'यह युद्ध का युग नहीं', इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच पीएम मोदी का संदेश; तुर्किए के रवैये पर क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति नाइकोस क्रिस्टोडोलीडेस के साथ द्विपक्षीय वार्ता में ईरान-इजरायल युद्ध पर चिंता व्यक्त की और इसे युद्ध का समय नहीं बताया। साइप्रस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है। दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने और साइबर व समुद्री सुरक्षा पर वार्ता शुरू करने का निर्णय लिया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की विकराल होती स्थिति को देख पीएम नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर अपनी इस बात को दोहराया है कि, यह युद्ध का समय नहीं है।
उन्होंने ईरान-इजरायल और यूक्रेन-रूस युद्ध के संदर्भ में यह कहा है कि इनका असर दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी होने का खतरा है। पीएम मोदी ने यह बात साइप्रस में राष्ट्रपति नाइकोस क्रिस्टोडोलीडेस के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कही।
पीएम मोदी साइप्रस के सबसे बड़े नागरिक सम्मना से सम्मानित
राष्ट्रपति नाइकोस ने पीएम मोदी को साइप्रस का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द आर्डर ऑफ माकारियस तृतीय से सम्मानित किया। साइप्रस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थाई सदस्यता का पुरजोर तरीके से समर्थन किया। आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मिल कर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित आतंकियों, आतंकी संगठनों और उन्हें प नाह पनाह देने वालों, उनके लिए छद्य तरीके से काम करने वालों के खिलाफ यूएनएससी की प्रतिबंधित सूची के तहत कार्रवाई करने की अपील की।
साइबर व समुद्री सुरक्षा पर शुरू होगी वार्ता
पीएम मोदी ने कहा कि दो दशक से भी लंबे अंतराल के बाद किसी भारतीय पीएम की यात्रा से आपसी संबंधों में एक नाय अध्याय लिखने का यह स्वर्णिम अवसर है। अपनी साझेदारी को रणनीतिक दिशा देने के लिए हम अगले पांच वर्षों के लिए एक ठोस रोडमैन बनाएंगे। रक्षा व सुरक्षा सहयोग को मजबूती देने के लिए द्विपक्षीय सहयोग कार्यक्रम चलाया जाएगा। साइबर व समुद्री सुरक्षा पर अलग से वार्ता शुरू की जाएगी।
अस्थिर वैश्विक गतिविधियों की तरफ इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिमी एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों को लेकर हम दोनों चिंतित हैं। इनका नकारात्मक प्रभाव सिर्फ इस क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। हम दोनों मानते हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है।
अगले साल यूरोपीय संघ का अध्यक्ष होगा साइप्रस
साइप्रस अगले वर्ष यूरोपीय संघ का अध्यक्ष होगा और इस साल के अंत तक भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने जा रहा है। इसकी घोषणा स्वयं पीएम मोदी ने सोमवार को वहां से की। ऐसे में इस समझौते को लागू करने में साइप्रस की अहम भूमिका होगी। इस यात्रा को और ज्यादा अहम बना देता है कि साइप्रस एकीकरण के मुद्दे पर भारत का जोरदार समर्थन।
संयुक्त बयान में क्या कहा गया?
देर शाम जारी संयुक्त बयान में कहा है कि भारत साइप्रस गणराज्य की आजादी, संप्रभुता, भौगोलिक अखंडता और एकता को अटल व सतत समर्थन देता रहेगा। इसके लिए किसी एक पक्ष की तरफ से मनमाने तरीके से कदम उठाने जाने पर रोक लगाने व सार्थक वार्ता का माहौल बनाये जाने का समर्थन करता है। यह बयान भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाले देश तुर्किये को इशारा है। तुर्किये ने वर्ष 1974 में साइप्रस के एक हिस्से पर कब्जा कर रखा है। अब तुर्किये जिस तरह से कश्मीर मुद्दे पर की बार पाकिस्तान के पक्ष में बयानबाजी करता है उसी की भाषा में भारत ने यहां साइप्रस की संप्रभुता का समर्थन किया है।
भारत के साथ मजबूत होंगे साइप्रस के रिश्तें
यही नहीं पीएम मोदी और राष्ट्रपति नाइकोस ने तुर्की के कब्जे वाले साइप्रस के भू-भाग के पास आपस में वार्ता करते हुए एक वीडियो भी जारी की गई है। इस वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि तुर्की के झंडे वाला साइप्रस सामने है और राष्ट्रपति नाइकोस भारतीय पीएम को उस जगह की अहमियत के बारे में बता रहे हैं। साइप्रस ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को भी मजबूत करने की सहमति जताई है। दोनों देशों में इस वर्ष के अंत तक मोबिलिटी ( कामगारों को एक दूसरे देश में आने जाने की इजाजत आदि) समझौते को अंतिम रूप देने की सहमति जताई है।

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