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    गलवान झड़प के बाद पहली बार पीएम मोदी जाएंगे चीन; जानिए SCO समिट पर क्यों होंगी पूरी दुनिया की नजरें

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे। यह यात्रा 2018 के बाद उनकी पहली चीन यात्रा होगी। इस दौरान उनकी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की संभावना है। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भी शामिल होंगे।

    By Jagran News Edited By: Abhishek Pratap Singh Updated: Wed, 06 Aug 2025 11:49 PM (IST)
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    बेहद अहम होने वाला है पीएम मोदी का चीन दौरा। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत के खिलाफ लगातार दिए जा रहे बयानों और भारतीय आयात पर शुल्क बढ़ाने के परिणामस्वरूप अमेरिका से कड़वाहट के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस महीने के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन की यात्रा पर जाएंगे।

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    सरकार की तरफ से जल्द ही इस यात्रा की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। ट्रंप की शुल्क नीति से उपजी स्थिति के मद्देनजर उनकी आगामी यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि 2018 के बाद वह पहली बार चीन जाएंगे। वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र (गलवान घाटी) में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद भारत और चीन के रिश्ते काफी खराब हो गये थे।

    धी-धीरे भारत और चीन के रिश्तों में आ रहा सुधार

    पिछले वर्ष कजान (रूस) में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई मुलाकात के बाद रिश्तों में सुधार आ रहा है। बहरहाल, चीन के साथ-साथ मोदी के जापान जाने की भी संभावना है। विदेश मंत्रालय के उच्चाधिकारियों ने हाल ही में चीन एवं जापान दोनों देशों की यात्रा की है।

    पीएम मोदी, पुतिन और चिनफिंग पर होगी दुनिया की नजरें

    एससीओ सम्मेलन में मोदी की चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना है। इसके अलावा उनकी रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात संभव है। गौरतलब है कि दोबारा सत्ता में आने के बाद ट्रंप ने सबसे ज्यादा इन तीनों देशों (चीन, रूस और भारत) को ही निशाने पर लिया है। पिछले एक हफ्ते से वह लगातार रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में भारत, चीन एवं रूस के शीर्ष नेता जब चीन में एक मंच पर उपस्थित होंगे तो वहां पूरी दुनिया की नजर होगी।

    यह कयास लगाया जा रहा है कि क्या एससीओ सम्मेलन के इतर रूस, भारत एवं चीन (आरआइसी) के नेताओं की एक संयुक्त बैठक भी होगी अथवा नहीं? हालांकि, रूस की तरफ से इस बात की कोशिश की जा रही है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इस बारे में बयान भी दिया था। भारत की तरफ से इस पर सधी प्रतिक्रिया जताते हुए बहुत ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया गया है।

    सम्मेलन में पाकिस्तान के पीएम भी होंगे शामिल

    इस सम्मेलन में हिस्सा लेने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भी आएंगे। पहलगाम आतंकी हमले तथा ऑपरेशन सिंदूर के तहत सैन्य कार्रवाई के बाद यह पहला मौका होगा जब भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री किसी वैश्विक सम्मेलन का मंच साझा करेंगे। वैसे मोदी और शाहबाज के बीच मौजूदा हालत में किसी तरह का संवाद होने की फिलहाल गुंजाइश नहीं है।

    मॉस्को पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल

    आईएएनएस के अनुसार, रूस से तेल खरीद पर अमेरिकी टैरिफ की धमकी के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल मास्को पहुंच गए हैं। वह वरिष्ठ रूसी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और भारत-रूस रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा करेंगे।

    उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीद के कारण भारतीय वस्तुओं पर और 25 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि की घोषणा की है। उन्होंने नई दिल्ली पर सस्ता रूसी तेल खरीदकर और उसे ''अधिक मुनाफे'' पर बेचकर ''वार मशीन' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

    बहरहाल, मॉस्को यात्रा के दौरान डोभाल भारत-रूस रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा के अलावा तेल मुद्दे और आगामी मोदी-पुतिन शिखर सम्मेलन पर भी बातचीत करेंगे। उधर, रूस को यूक्रेन में शांति के लिए सहमत होने या नए प्रतिबंधों का सामना करने के लिए दी गई समय सीमा समाप्त होने से दो दिन पहले ही ट्रंप के शीर्ष राजनयिक दूत स्टीव विटकाफ मास्को पहुंच चुके हैं।

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