पीएम मोदी-पुतिन और चिनफिंग की तिकड़ी निकालेगी ट्रंप के टैरिफ का तोड़? SCO शिखर सम्मेलन से जुड़ी पूरी डिटेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप टैरिफ वॉर के बीच विदेश यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। पहले वे जापान जाएंगे जहां जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वे एससीओ समिट के लिए चीन जाएंगे जहां राष्ट्रपति शी चिनफिंग व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात होने की उम्मीद है। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य इन देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ट्रंप टैरिफ वॉर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (28 अगस्त, 2025) को विदेश यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। पहले वो जापान जाएंगे, इसके बाद एससीओ समिट के लिए चीन जाएंगे। पीएम मोदी की कोशिश है कि इन देशों के साथ संबंधों को और लचीला बनाया जाए।
पीएम मोदी 28 अगस्त की शाम को जापान के लिए रवाना होंगे और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 30 अगस्त तक वहीं रहेंगे। वहां से प्रधानमंत्री मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए चीन रवाना होंगे, जहां राष्ट्रपति शी चिनफिंग, व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के एक ही छत के नीचे रहने की उम्मीद है।
पीएम मोदी का ये दौरा क्यों है अहम?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये महत्वपूर्ण पूर्व की ओर दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत भी डोनाल्ड्र ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ के दायरे में आ गया है। ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीद का आरोप लगाते हुए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया, जो बीते दिन बुधवार (27 अगस्त, 2025) से लागू हो गया।
जापान में पीएम मोदी क्या करेंगे?
प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा के बारे में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस सप्ताह के शुरू में ही कहा था कि यह कई कारणों से महत्वपूर्ण है, लगभग सात वर्षों में जापान की उनकी पहली एकल यात्रा है और इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री इशिबा के साथ उनकी पहली वार्षिक शिखर बैठक होगी।
प्रधानमंत्री मोदी 29 अगस्त को अपने जापानी समकक्ष से मिलेंगे। विक्रम मिस्री ने कहा कि यह बैठक दोनों प्रधानमंत्रियों को इन संबंधों की गहन समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने आगे कहा कि इस दौरान महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान होगा।
उन्होंने कहा, "यह संबंधों में अधिक लचीलापन लाने और उभरते अवसरों और चुनौतियों का सामना करने के लिए कई नई पहल शुरू करने का भी अवसर होगा।"
चीन में होगी अहम मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के निमंत्रण पर 31 अगस्त और 1 सितंबर को शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक के लिए चीन के तियानजिन का दौरा करेंगे। एससीओ में भारत और चीन के अलावा 10 सदस्य देश शामिल हैं - बेलारूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान। प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त को शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ 30 अगस्त को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन रवाना होंगे। मई में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बाद यह पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री मोदी और शहबाज शरीफ एक साथ किसी कार्यक्रम में शामिल होंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
क्या होगी मोदी-पुतिन की मुलाकात?
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मोदी चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, विक्रम मिस्री ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि बैठकों को अंतिम रूप देने पर अभी काम चल रहा है, और उन बैठकों की कार्यवाही के बारे में संक्षिप्त जानकारी देने का वादा किया।
मिस्री ने कहा, "मुझे लगता है कि बैठकों से पहले, यह अनुमान लगाना और कहना कि बैठकों में क्या चर्चा होगी और क्या नहीं, थोड़ा जल्दबाजी होगी।"
एससीओ शिखर सम्मेलन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत और चीन सहित अन्य देशों के प्रति टैरिफ बढ़ाने के कदम की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया है।
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