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    टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल की दिशा में बड़ी पहल, नई मुहिम लांच करेंगी राष्ट्रपति, मरीजों को मिलेगी यह सहूलियत

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Thu, 08 Sep 2022 10:22 PM (IST)

    सरकार ने साल 2025 तक देश से टीबी के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य रखा है। इसके लिए सरकार एक अभियान भी शुरू करने जा रही है। राष्ट्रपति दौप्रदी मुर्मु शुक्रवार को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करेंगी।

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    साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए सरकार एक नया अभियान शुरू करने जा रही है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के लिए सरकार एक नया अभियान शुरू करने जा रही है। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को शुक्रवार को राष्ट्रपति दौप्रदी मुर्मु लांच करेंगी। इस अभियान के तहत टीबी मरीजों को पर्याप्त पोषक भोजन उपलब्ध कराने के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित किया जाएगा। स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार टीबी के अधिकांश मरीज गरीब तबके से आते हैं और पोषक भोजन के अभाव में उनकी बीमारी ठीक होने में समय लगता है।

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    सरकार इन मरीजों को पोषक भोजन के लिए हर महीने 500 रुपये की सहायता देती है, लेकिन इसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। इसीलिए नए अभियान में जनभागीदारी के माध्यम से टीबी के मरीजों को पोषक खाद्य पदार्थ सुनिश्चित करने का फैसला किया गया है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, एनजीओ, नेता, राजनीतिक दल या कारपोरेट हाउस को इन मरीजों को गोद लेने की सुविधा दी जाएगी। जो गोद लिए मरीजों को हर महीने खास मात्रा में पोषक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराएंगे।

    वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभियान में जनभागीदार को सुगम बनाने के लिए एक विशेष पोर्टल को भी राष्ट्रपति लांच करेंगी। इस पोर्टल पर देश में राज्य, जिला, ब्लाक से लेकर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र तक के टीबी मरीजों का डाटा उपलब्ध होगा। कोई भी अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी क्षेत्र में मरीजों को पोषक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए चुन सकता है। इसमें हर महीने दिये जाने वाले पोषक खाद्य पदार्थों की मात्रा भी दी जाएगी।

    उन्होंने कहा कि टीबी के मरीज सामान्य रूप से एक साल के भीतर ठीक हो जाते हैं, इसीलिए गोद लेने वालों को कम से कम एक साल तक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने का वचन देना होगा। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि सरकार की ओर दी जा रही प्रति महीने 500 रुपये की मदद पहले की तरह जारी रहेगी।

    वरिष्ठ अधिकारी ने साफ किया कि गोद लेने की प्रक्रिया मरीजों की सहमति के साथ ही शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में 13.51 लाख सक्रिय मरीजों में से नौ लाख से अधिक मरीजों ने इसकी सहमति दे दी है। वे पोर्टल के उद्घाटन के साथ ही गोद लिये जाने के लिए उपलब्ध होंगे।