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    राजस्थान: पिछले दो सालों में पुलिस हिरासत में 20 मौतें, 14 मामले अभी भी लंबित

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 04:19 AM (IST)

    राजस्थान में पिछले दो सालों में पुलिस हिरासत में 20 लोगों की जान गई जिनमें से ज्यादातर मौतों की वजह तबीयत खराब होना बताई गई है। कुछ मौतें हृदयाघात से हुईं तो एक व्यक्ति ने थाने के कुएं में कूदकर जान दे दी। अभी तक इन मौतों के लिए किसी पुलिसकर्मी को दोषी नहीं ठहराया गया है सिर्फ दो को नोटिस जारी हुआ है।

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    पुलिस हिरासत में हुई मौत के आंकड़ों ने चौंकाया।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में पिछले दो वर्षों में पुलिस हिरासत में 20 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। इनमें से अधिकतर मौतों का कारण तबीयत बिगड़ना बताया गया है।

    पांच की मौत हृदयाघात से और एक की मौत पुलिस थाने के कुएं में छलांग लगाने से हुई है। शेष 14 मामलों की जांच अभी लंबित है। पुलिस हिरासत में हुई इन मौतों के लिए अब तक किसी भी पुलिसकर्मी को दोषी नहीं ठहराया गया है, केवल दो पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किया गया है।

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    कांग्रेस विधायक ने पूछा था सवाल

    कांग्रेस विधायक रफीक खान द्वारा विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि अगस्त 2023 से अगस्त 2025 के बीच पुलिस हिरासत में 20 मौतें हुई हैं।

    कहां-कहां के है मामले?

    इनमें कुछ प्रमुख मामले टोंक में चोरी के आरोप में पकड़े गए उमराव मीणा की मौत, झुंझुनूं में दुष्कर्म के आरोपित गौरव शर्मा और जयपुर में मारपीट के आरोपित मनीष पांडे की मौत के हैं। अन्य मामलों में श्रीगंगानगर, बारां, भीलवाड़ा और उदयपुर के थानों में भी पुलिस हिरासत में मौतें हुई हैं।

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