'2047 के विजन की बात करते हैं...', राजस्थान के स्कूलों को सुधारने वाला रोडमैप हाईकोर्ट ने लौटाया
राजस्थान उच्च न्यायालय ने सरकारी स्कूलों की कक्षाओं को सुधारने के लिए सरकार के रोडमैप को अधूरा बताकर लौटा दिया। अदालत ने कहा कि सरकार 2047 के विजन की बात करती है, लेकिन स्कूलों के लिए कल की योजना भी नहीं है। झालावाड़ में स्कूल हादसे के बाद जर्जर भवनों को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने सरकार से गाइडलाइन के अनुसार जानकारी मांगी है।

हाईकोर्ट ने सरकार का रोडमैप लौटाया
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के क्लास रूम सुधारने के लिए सरकार के प्रस्तुत रोडमैप को अधूरा बताते हुए उसे लौटा दिया। न्यायाधीश महेंद्र गोयल और न्यायाधीश अशोक जैन की खंडपीठ ने कहा कि सरकार 2047 के विजन की बात करती है, लेकिन स्कूलों के लिए कल की योजना भी नहीं है।
हाईकोर्ट ने सरकार का रोडमैप लौटाया
बजट में स्कूल-कॉलेज खोलने की घोषणाएं होती हैं, लेकिन वास्तविक आवश्यकता के अनुसार ही इन्हें खोला जाना चाहिए। इस वर्ष 25 जुलाई को झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में स्कूल में हुए हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चे सुबह कक्षा में बैठे थे, तभी कमरे की छत गिर गई थी, जिसमें कक्षा में मौजूद 35 बच्चे दब गए थे।
गाइडलाइन के अनुसार जानकारी पेश करने के निर्देश
बच्चों की मौतों के बाद स्कूल भवनों की जर्जरता को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई गई थी। गुरुवार को सुनवाई करते न्यायालय ने सरकार से पूछा कि क्या स्कूल भवनों का आधारभूत ढांचा तय गाइडलाइन के अनुसार है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के वकील बागीश ¨सह ने बताया कि अदालत ने सरकार को दिशा-निर्देशों के अनुसार जानकारी पेश करने के लिए कहा है।

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