विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में पैठ मजबूत करने की तैयारी में RSS, बनाया मेगा 'प्लान'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है। संगठन का मुख्य उद्देश्य चुनाव से पहले राज्य के हर घर तक अपनी विचारधारा को पहुंचाना है। उत्तर बंगाल में संगठन को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है नई शाखाएं खोलने और स्थानीय प्रचारकों को सक्रिय करने की योजना है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बंगाल में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यहां अपनी पैठ मजबूत बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। संगठन सूत्रों के अनुसार राजस्थान के जोधपुर में हुई एक समन्वय बैठक में यह निर्णय आधिकारिक रूप से लिया गया।
इसका मुख्य उद्देश्य चुनाव से पहले संगठन का विस्तार करना और राज्य के घर-घर तक अपनी विचारधारा को और गहराई से पहुंचाना है। संघ के शीर्ष नेतृत्व ने समीक्षा कर पाया कि उत्तर बंगाल में संगठन अब कमजोर स्थिति में है, इसलिए वहां विशेष जोर देते हुए शाखाएं बढ़ाने और स्थानीय प्रचारकों को सक्रिय करने की रूपरेखा तैयार की गई है।
नई शाखाएं खोलने के निर्देश
इसके अलावा दक्षिण बंगाल के जिलों में जहां शाखाएं कम हैं, वहां तत्काल नई शाखा खोलने के निर्देश दिए गए हैं। आरएसएस इस वर्ष विजयादशमी पर अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस अवसर पर पूरे देश में एक विशेष अभियान चलाने का फैसला लिया गया है। अभियान का मुख्य उद्देश्य पिछले 100 वर्षों में संघ विभिन्न बाधाओं को पार करते हुए राष्ट्र निर्माण के कार्यों में कैसे संलग्न रहा है, इसका इतिहास जनता के सामने प्रस्तुत करना है.
जल्द बंगाल आएंगे मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली में एक बैठक में संगठन के दर्शन को पहले ही समझा चुके हैं। जल्द ही उनके बंगाल आने की भी योजना है। जानकारी के मुताबिक वह राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयोजित विशेष सम्मेलनों में सीधे शामिल होंगे। राज्य भर में संघ का अभियान महालया के दिन से शुरू होगा। इस कार्यक्रम में नागरिक सम्मेलन और गृह संपर्क अभियान शामिल हैं। स्थानीय स्तर पर प्रचारक मोहल्ले-मोहल्ले, घर-घर जाकर संघ की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करेंगे। इसके साथ ही सड़क पर आमलोगों से सीधा संपर्क स्थापित करने की भी योजना है।
सूत्रों के अनुसार अगले साल जनवरी में उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल में अलग-अलग हिंदू सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे। इसमें संघ के अखिल भारतीय नेता मौजूद रहेंगे। यह माना जा रहा है कि जिस तरह इन सम्मेलनों के जरिए संगठन का संदेश फैलाया जाएगा, उसी तरह आरएसएस चुनाव से पहले भाजपा के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार करेगा।
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संघ की यह पहल राज्य की राजनीति में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे टकराव को एक नया आयाम देगी। संगठन सूत्रों का दावा है कि इस योजनाबद्ध कार्यक्रम के परिणामस्वरूप चुनाव से पहले संघ का प्रभाव और अधिक स्पष्ट हो जाएगा।
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