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    'मत भूलो लादेन कहां मिला था', पाकिस्तान से नजदीकी पर जयशंकर की US को नसीहत; ट्रंप के दावे पर दिया दो टूक जवाब

    भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों की याद दिलाई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका यह भूल रहा है कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान की सैन्य छावनी एबटाबाद में पाया गया था। जयशंकर ने यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे के बाद की।

    By Digital Desk Edited By: Prince Gourh Updated: Sat, 23 Aug 2025 06:30 PM (IST)
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    जयशंकर का अमेरिका को करारा जवाब (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के साथ टैरिफ को लेकर थोड़े तनाव के बीच अमेरिका पाकिस्तान के करीब जाता दिख रहा है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को उसकी पुरानी यादें ताजा करा दी है।

    जयशंकर ने कहा कि अमेरिका भूल रहा है कि दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी ओसामा बिन लादेन 2011 में पाकिस्तान की सैन्य छावनी एबटाबाद में मिला था। उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया था।

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    जयशंकर का पाक पर व्यंग

    जयशंकर ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों का लंबा इतिहास है और साथ ही उस इतिहास को नजरअंदाज करने का भी इतिहास है। उन्होंने व्यंग करते हुए कहा, "जब पाकिस्तान की सेना किसी को सर्टिफिकेट देती है, तो याद रखना चाहिए कि यही सेना एबटाबाद में लादेन को छिपा रही थी।"

    भारतीय विदेश मंत्री ने साफ किया कि भारत अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को बहुत अहम मानता है। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा बड़ी तस्वीर को ध्यान में रखता हूं। मुझे पता है कि मेरी ताकतें क्या हैं और मेरे रिश्ते की अहमियत क्या है।"

    ट्रंप के दावे पर जयशंकर का बयान

    बता दें, भारतीय द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाए जाने के बाद पाकिस्तान की तरफ से भारत पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की नाकाम कोशिशों के बाद ट्रंप ने दावा किया था कि दोनों देशों के बीच उन्होंने सीजफायर कराया और संघर्ष को शांत कराया।

    इस पर जयशंकर ने कहा, हर संघर्ष के समय देश आपस में फोन करते हैं। उस समय अमेरिका और पाकी देशों ने भी फोन किए थे। यह कोई रहस्य नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बातचीत और फोन कॉल होना सामान्य बात है, लेकिन यह कहना गलत है कि सीजफायर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से हुआ।

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