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    S-400 से कितना बेहतर है S-500? पढ़ें रूस के नए 'रक्षा कवच' की खासियत 

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 06:35 AM (IST)

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा में एस-400 की अतिरिक्त यूनिट और एस-500 खरीदने पर बात हो सकती है। एस-400 ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में 300 कि ...और पढ़ें

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    एस 400 से अलग है एस 500। (फाइल फोटो)

    जेएनएन, नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को भारत आ रहे हैं। माना जा रहा है कि उनकी यात्रा के दौरान भारत एयर डिफेंस सिस्टम एस 400 की अतिरिक्त यूनिट खरीदने के साथ साथ इसके उन्नत संस्करण एस 500 खरीदने की संभावनाओं पर भी बातचीत कर सकता है।

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    एस 400 ने मई में पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए आपरेशन सिंदूर के दौरान शानदार प्रदर्शन किया था और इससे 300 किलोमीटर की दूरी से पाकिस्तानी अवाक्स विमान को मार कर विश्व रिकार्ड भी बनाया है। आइये जानते हैं कि रूस का एयर डिफेंस सिस्टम एस 500 इसके पूववर्ती एस 400 से कैसे अलग है?

    मारक क्षमता में अंतर

    एस-400 की रेंज 400 किलोमीटर तक है, जबकि एस-500 की रेंज लगभग 500-600 किलोमीटर तक है। एस-400 30 किमी तक की तक ऊंचाई तक टारगेट को इंटरसेप्ट करता है, जबकि एस-500 180-200 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर भी टारगेट को इंटरसेप्ट कर सकता है।

    हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी तबाह करेगा एस 500

    एस-400 एयरक्राफ्ट, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को निशाना बना कर तबा करता है है जबकि एस-500 इन सभी के साथ-साथ लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल के खिलाफ भी असरदार है। हालांकि यह अभी भी दावे के दायरे में है। एस-400 थिएटर एयर डिफेंस को सपोर्ट करता है, जबकि ए-500 राष्ट्रीय स्तर के एयर, बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक डिफेंस को सपोर्ट करता है।

    मिसाइलों में अंतर

    इन दोनों सिस्टम में इस्तेमाल होने वाली मिसाइलें भी बहुत अलग हैं। एस 400 में 48एन6 और 40एन6 मिसाइलें इस्तेमाल होती हैं, जबकि एस-500 77एन6-एन और 77एन6-एन1 हिट-टू-किल इंटरसेप्टर का इस्तेमाल करता है।

    रणनीतिक खतरों से निपट सकता है एस 500

    एस-400 टैक्टिकल और आपरेशनल खतरों को संभालता है, जबकि एस-500 को रणनीतिक खतरों और हाइपरसोनिक युद्ध से निपटने के लिए बनाया गया है। एस-400 इलाकों और सेक्टरों में एयरस्पेस की सुरक्षा करता है, जबकि एस-500 पूरे देश में शहरों, स्ट्रेटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर और कमांड नोड्स की सुरक्षा करता है। (जागरण रिसर्च)