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    सतारा डॉक्टर सुसाइड केस में नया मोड़, फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर दस्तखत करने का लगा आरोप

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 11:24 PM (IST)

    महाराष्ट्र के सतारा में डॉक्टर आत्महत्या मामले में नया मोड़ आया है। एक महिला ने डॉक्टर पर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया है। महिला का दावा है कि उसकी बेटी की मौत को स्वाभाविक बताया गया, जबकि रिपोर्ट फर्जी थी। ससुराल वालों पर प्रताड़ना का आरोप है, जिसके कारण बेटी ने आत्महत्या की। पुलिस मामले की जांच कर रही है और इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है।

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    आरोप कि पुलिस डॉक्टर पर अक्सर पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने का दबाव डालती थी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सतारा में आत्महत्या करने वाली डॉक्टर पर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर दस्तखत करने का आरोप लगा है। ये आरोप सतारा की रहने वाली ही एक महिला ने ही लगाए हैं। महिला का कहना है कि उसकी बेटी की मौत को डॉक्टर ने स्वाभाविक बता दिया था, जबकि वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट फर्जी थी।

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    सतारा जिले की एक गांव की रहने वाली भाग्यश्री मारुति पचंगने की बेटी दीपाली मारुति की शादी सेना के अधिकारी अजिंक्य हनमंत निंबालकर से हुई थी। भाग्यश्री का आरोप है कि उनकी बेटी को उसके पति और ससुराल वालों ने लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, जिससे तंग आकर उसने 19 अगस्त को आत्महत्या कर ली थी।

    फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनवाने का आरोप

    भाग्यश्री ने कहा कि यह हत्या हो सकती है। लेकिन मौत के 5 दिन बाद भी पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी। जब एक महीने बाद रिपोर्ट मिली, तो वह फर्जी थी। भाग्यश्री ने अजिंक्य निंबालकर पर मामले को दबाने के लिए अपने राजनीतिक और पुलिस संबंधों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर पर उस उप-जिला अस्पताल में मेडिकल रिपोर्ट बदलने का दबाव डाला गया था, जहां वह काम करती थीं।

    बता दें कि सतारा की डॉक्टर ने हथेली पर सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी। उसने सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने पर यौन उत्पीड़न और एक तकनीकी विशेषज्ञ प्रशांत बनकर पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर डॉक्टर के मकान मालिक का बेटा है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

    आरोपी बोला- परेशानी करती थी डॉक्टर

    वहीं सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने ने सरेंडर कर दिया था। उसे नौकरी से सस्पेंड भी कर दिया गया था। अदालत ने तकनीकी विशेषज्ञ को 28 अक्टूबर तक चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। डॉक्टर के चचेरे भाई ने भी आरोप लगाया है कि पुलिस उन पर अक्सर पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने का दबाव डालती थी।

    पुलिस के मुताबिक, डॉक्टर और तकनीकी विशेषज्ञ रिलेशनशिप में थे और हाल ही में उनके रिश्ते में खटास आई थी। लेकिन तकनीकी विशेषज्ञ के परिवार का कहना है कि डॉक्टर ही उसे बार-बार फोन करती थी। 15 दिन पहले डॉक्टर ने शादी का प्रपोजल भी रखा था, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञ ने उसे ठुकरा दिया था।

    तकनीकी विशेषज्ञ का दावा है कि डॉक्टर उस पर शादी करने और शारीरिक संबंध बनाने का जोर डालकर परेशानी करती थी। पुलिस का कहना है कि आरोपी और डॉक्टर के बीच बड़ी संख्या में चैट और कॉल रिकॉर्डिंग मिले हैं। वहीं इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) के अंबादास दानवे ने पूर्व भाजपा सांसद रणजीतसिंह नाइक निंबालकर और उनके दो निजी सहायकों पर मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के संबंध में डॉक्टर पर दबाव डालने का आरोप लगाया।