टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक ही लाइसेंस नीति की मांग, डियन स्पेस एसोसिएशन ने सरकार को लिखा पत्र
सैटेलाइट दूरसंचार कंपनियों को अनुमति देने के बाद मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों और नई तकनीक कंपनियों के बीच तनाव बढ़ गया है। इंडियन स्पेस एसोसिएशन (इस्पा) ने सरकार से एकीकृत लाइसेंसिंग नीति की मांग की है जिसमें सभी संचार सेवा प्रदाताओं के लिए एक समान लाइसेंस का प्रावधान हो। इस्पा ने नेटवर्क और फ्रीक्वेंसी लाइसेंसिंग के लिए एकल-खिड़की प्रणाली की सिफारिश की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जब से सरकार ने सैटेलाइट आधारित दूरसंचार कंपनियों को भारत में संचालन की अनुमति देने की मंशा जताई है तब से देश की मौजूदा दूरसंचार कंपनियों और नई प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियों के बीच तनाव बढ़ रहा है।
ऐसे में सैटेलाइट आधारित दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनियों के संगठन इंडियन स्पेस एसोसिएशन (इस्पा) ने सरकार से मांग की है कि चाहे संचार क्षेत्र में लाइसेंसिंग के लिए एकीकृत, प्रौद्योगिकी तटस्थ लाइसेंसिंग नीति हो। यानी प्रौद्योगिकी चाहे कोई भी हो संचार सेवा देने वाली कंपनियों को एक ही तरह के लाइसेंस दी जाए।
सीओएआई ने भी सरकार को पत्र लिखा
बताया जा रहा है कि दूरसंचार विभाग इस बारे में पहले से ही विचार विमर्श कर रहा है। इस्पा की तरफ से केंद्र सरकार को अपनी मांगों को लेकर एक विस्तृत पत्र लिखा गया है। इसमें अंतरिक्ष और दूरसंचार क्षेत्र में नियामक सुधारों की मांग की गई है। कुछ दिन पहले मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के संगठन सीओएआई ने भी सरकार को पत्र लिख कर सैटेलाइट आधारित संचार कंपनियों को लाइसेंस देने पर अपनी आपत्ति जताई थी।
इसने संचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के खत्म होने का खतरा भी जताया था। बहरहाल, इस्पा ने नेटवर्क, फ्रीक्वेंसी और आयात लाइसेंसिंग के लिए एकल-खिड़की प्रणाली लागू करने की सिफारिश की है। इससे कम समय में सैटेलाइट आधारित संचार सेवा की शुरुआत हो सकेगी। साथ ही टेलीकॉम एक्ट को आईटी एक्ट, कंपनी अधिनियम, डाटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम, पर्यावरण और वित्तीय कानूनों के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सिफारिश भी की गई है ताकि नियामक सामंजस्य स्थापित हो।
लाइसेंसिंग ढांचे के लिए की गई मांग
अगर ऐसा नहीं होता है तो अलग-अलग कानूनों में अलग-अलग व्यवस्था होने से अनुपालन में काफी समस्या पैदा होने की संभावना है। एक अहम सिफारिश यह की गई है कि दूरसंचार, प्रसारण और डिजिटल प्लेटफॉर्मों के लिए एकीकृत, प्रौद्योगिकी-तटस्थ लाइसेंसिग ढांचे को समान दायित्वों के साथ लागू किया जाए।
वित्तीय स्थिरता और स्पेक्ट्रम नीति पर इस्पा ने लाइसेंस शुल्क को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) से अलग करने, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) को कम करने और 2021 से पहले के स्पेक्ट्रम होल्डिंग्स के लिए बैंक गारंटी आवश्यकताओं में ढील देने की मांग की है। पांच साल का रोलिंग स्पेक्ट्रम रोडमैप, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का स्पेक्ट्रम ऑडिट और 40 साल तक के दीर्घकालिक स्पेक्ट्रम उपयोग अधिकार प्रदान करने की सिफारिश भी है ताकि निवेश निश्चितता और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिले।
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