'देश हो या विदेश, मौत की सजा तो...', शेख हसीना की फांसी पर शशि थरूर ने क्या कहा?
ढाका की अदालत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई, जिस पर शशि थरूर ने चिंता जताई। हसीना ने फैसले को पक्षपातपूर्ण बताया और अंतरिम सरकार को आरोपों को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय में ले जाने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि यह सजा एक अवैध सरकार ने सुनाई है और अवामी लीग को खत्म करने की साजिश है।

अदालत ने हसीना के साथ उनके पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी फांसी की सजा सुनाई है। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को ढाका की एक विशेष अदालत ने मौत सजा सुनाई है। यह सजा उनकी अनुपस्थिति में (इन-एब्सेंटिया) दी गई है। उन पर पिछले साल छात्र आंदोलन के दौरान 'मानवता के खिलाफ अपराध' करने का आरोप लगाया गया है। हसीना अगस्त 2024 में सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत में रह रहीं हैं।
अदालत ने हसीना के साथ उनके पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी फांसी की सजा सुनाई है। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (ICT-BD) ने सुनाया है।
शशि थरूर ने जताई गहरी नाराजगी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इस फैसले को बहुत चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा, 'मैं देश के अंदर या बाहर कहीं भी मौत की सजा में विश्वास नहीं करता। इसलिए यह फैसला मुझे बहुत दुखी करता है।'
थरूर ने सबसे बड़ा सवाल अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने पर उठाया है। उन्होंने कहा, "जब कोई व्यक्ति खुद मौजूद न हो, अपना पक्ष न रख सके, खुद की दलील न दे सके और फिर उसे फांसी की सजा सुना दी जाए। यह उचित नहीं लगता।"
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि दूसरे देश के न्यायिक मामलों में टिप्पणी करना ठीक नहीं, लेकिन वे इस फैसले को सकारात्मक नहीं मानते है।
शेख हसीना ने फैसला पर क्या कहा है?
दिल्ली में रह रहीं 78 साल की शेख हसीना ने फैसले को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे 'पूरी तरह पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित' बताया है। हसीना ने कहा कि यह सजा एक अवैध अंतरिम सरकार की ओर से गठित फर्जी अदालत ने सुनाई है, जिसे जनता ने नहीं चुना है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार के अंदर मौजूद चरमपंथी ताकतें उनकी हत्या करना चाहती हैं और अवामी लीग को पूरी तरह खत्म करना चाहती हैं। हसीना ने कहा, "मैं अपने आरोपियों के सामने खड़ा होने से नहीं डरती, बशर्ते मुकदमा निष्पक्ष हो।"
हसीना ने दी ICC जाने की चुनौती
शेख हसीना ने अंतरिम सरकार को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा, "अगर इन आरोपों में दम है तो इन्हें हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) में ले जाओ। वहां सबूतों की असली परख होगी।"
गौरतलब है कि अवामी लीग को फरवरी में होने वाले चुनाव लड़ने से भी रोक दिया गया है। हसीना ने इसे भी लोकतंत्र की हत्या करार दिया है।
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