कारों में स्टार रेटिंग लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका, सोमवार को हो सकती है सुनवाई
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कारों में स्टार रेटिंग लागू करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है। डॉक्टर संजय कुलश्रेष्ठ द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि भारत में प्रदूषण महामारी बन गया है। कारों में ईंधन खपत और कार्बन उत्सर्जन के आधार पर स्टार रेटिंग देने से ग्राहकों को पर्यावरण अनुकूल वाहन चुनने में मदद मिलेगी और सरकार को टैक्स निर्धारण में भी आसानी होगी। इस मामले पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है।

सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कारों में कम ईंधन खपत (फ्यूल एफिसिएन्शी) के आधार पर स्टार रेटिंग लागू करने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है।
याचिका में कहा गया है कि भारत में प्रदूषण महामारी बन गया है और इससे निबटने और नियंत्रित करने के लिए और अधिक प्रभावी उपायों को करने की जरूरत है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय मानता है कि वायु प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण 40 प्रतिशत जिम्मेदार है।
किसने और क्यों दाखिल की याचिका?
कारों को स्टार रेंटिंग के दायरे में लाने की मांग करने वाली यह याचिका पेशे से डाक्टर संजय कुलश्रेष्ठ की ओर से दाखिल की गई है। याचिका में वैसे सरकार वायु प्रदूषण से निबटने के लिए बहुत से उपाय कर रही है। इसके लिए वाहनों में भारत स्टेज मानक (बीएस मानक) लागू किये गए हैं। बीएस छह तक की तकनीक वाहनों में लागू की गई है लेकिन फिर भी हमें इच्छित नतीजे नहीं मिल रहे हैं। इसलिए कुछ और करने की जरूरत है। इसलिए मांग उठाई गई है कि कारों में कम ईंधन खपत और सीओ टू उत्सर्जन के आधार पर सभी कारों में स्टार रेटिंग सिस्टम लागू होने चाहिए।
ये स्टार रेटिंग पांच स्टार से लेकर एक स्टार तक होनी चाहिए। स्टार रेटिंग कार की ईंधन खपत और सीओटू (कार्बन डाइआक्साइड) उत्सर्जन पर आधारित होनी चाहिए। दुनिया के करीब सभी विकसित देशों में ये पर्यावरण अनुकूल रेटिंग पैसेंजर कारों के लिए लागू है जबकि वहां भारत की तुलना में कम प्रदूषण है। भारत में कारों और मालवाहक वाहनों में हो रही लगातार वृद्धि को देखते हुए वाहनों से होने वाला वायु प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय है।
'स्टार रेटिंग के होंगे कई फायदे'
याचिकाकर्ता का कहना है कि कार में स्टार रेटिंग के कई फायदे होंगे जैसे कि इससे कार खरीदार को मालूम होगा कि कौन सी कार ज्यादा पर्यावरण अनुकूल है यानी किसका कार्बन उत्सर्जन और ईंधन खपत दूसरी कार की तुलना में कम है। इसके अलावा सरकार को भी टैक्स निर्धारण में आसानी होगी ज्यादा कार्बन उत्सर्जन वाली कार पर ज्यादा टैक्स लगाया जा सकता है।
साथ ही इससे बहुत अधिक प्रदूषण वाले शहरों के लिए राष्ट्रीय नीति निर्धारित करने में आसानी होगी जैसे कि उन शहरों के लिए कड़े कानून लाए जा सकते हैं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ज्यादा प्रदूषण करने वाले वाहनों को ज्यादा टैक्स भरना पड़ सकता है।

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