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    'वह बुरी तरह ट्रॉमा में....' ठाणे में भाषा विवाद में पिटाई के बाद छात्र ने आत्महत्या से पहले पिता को क्या बताया?

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 07:47 PM (IST)

    ठाणे में एक छात्र ने भाषा विवाद के चलते पिटाई के बाद आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उसने अपने पिता को बताया कि वह ट्रॉमा में है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। 

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    अर्नव खैरे। (सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ठाणे के एक स्टूडेंट के लोकल ट्रेन में मराठी न बोलने पर हुए झगड़े के बाद सुसाइड कर लिया। इस घटना के एक दिन बाद मृतक के पिता ने कहा कि उनका बेटा बार-बार कह रहा था कि उसे बेरहमी से पीटा गया।

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    जब 19 साल का अर्नव खैरे मंगलवार दोपहर को रोज से जल्दी घर लौटा तो उसने अपने पिता से फोन पर बात की और कहा कि उन्होंने मुझे पीटा। कुछ घंटों बाद, जब जितेंद्र खैरे घर पहुंचे तो उनके बेटे का कमरा बंद था। पड़ोसियों के साथ मिलकर उन्हों दरवाजा तोड़ा तो देखा कि उसका बेटा लटका हुआ है।

    अर्नव ने अपने पिता को बताया था कि भीड़ भरी लोकल ट्रेन में मराठी न बोलने पर उस पर हमला किया गया, जब उसने एक पैसेंजर से हिंदी में आगे बढ़ने को कहा था।

    हिंदी में बात करने पर हुई अर्नव से मारपीट

    मिली जानकारी के मुताबिक, अर्नव ने अपने सामने खड़े एक आदमी से हिंदी में कहा, "भाई, प्लीज आगे बढ़ो, मुझे धक्का लग रहा है।" तुरंत, एक ग्रुप उसकी तरफ मुड़ा और उनमें से एक आदमी ने उसे जोर से थप्पड़ मारा। और कहा कि क्या तुम्हें मराठी बोलनी नहीं आती? तुम्हें मराठी बोलने में शर्म आती है? इसके बाद पिटाई शुरू कर दी।

    फर्स्ट ईयर का साइंस स्टूडेंट इतना ट्रॉमा में था कि वह अगले स्टॉप पर भागा, अपने कॉलेज के लिए दूसरी ट्रेन ली, और फिर बिना कोई क्लास अटेंड किए घर चला गया।

    मेरे बेटे को बुरी तरह पीटा- जितेंद्र खैरे

    जितेंद्र खैरे ने रिपोर्टर्स को बताया, "मेरा बेटा सुबह एक भीड़ भरी ट्रेन में कॉलेज के लिए निकला, जहां डिब्बे के अंदर हमेशा की तरह धक्का-मुक्की हुई। उसने मुझे बताया कि उसने किसी को आगे बढ़ने के लिए कहा। वह बार-बार यही कह रहा था कि उन्होंने उससे कहा 'क्या तुम्हें मराठी में बोलने में शर्म आती है?'"

    खैरे ने फोन पर अपने बेटे के हवाले से बताया, "मैंने उससे पूछा, 'क्या उन्होंने तुम्हें बहुत पीटा?' उसने कहा, 'हां पापा, वे बहुत थे और उन्होंने मुझे बुरी तरह डरा दिया था। मैं बहुत डरा हुआ था।" इस घटना से वह इतना डर गया और उसे उल्टी जैसा महसूस हुआ, जिसके बाद वह अपने कॉलेज जाने के बजाय अगले ही स्टेशन, ठाणे में उतर गया।

    अर्णव ने बाद में मुलुंड के लिए ट्रेन ली और अपने कॉलेज पहुंच गया। लेकिन उसे कोई लेक्चर अटेंड करने की हालत में महसूस नहीं हुआ। वह घर गया और अपने पिता को फोन पर मारपीट के बारे में बताया।

    पिता को उसकी आवाज में डर और टेंशन महसूस हुआ- पुलिस

    असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर कल्याणजी गेटे ने PTI को बताया, "पिता को उसकी आवाज में डर और टेंशन महसूस हुआ। उस शाम काम से घर लौटने पर उन्होंने दरवाजा बंद पाया। उन्होंने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा और अपने बेटे को गले में कंबल डालकर लटका हुआ पाया।"

    जितेंद्र खैरे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट दर्ज की गई। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

    मराठी बनाम हिंदी विवाद में नई घटना

    मराठी बनाम हिंदी विवाद को लेकर मुंबई और उसके आस-पास के इलाकों में हिंसा की यह सबसे नई घटना है। पिछले महीने, मुंबई जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में एक यात्री ने दूसरे यात्री को मराठी में बात करने के लिए मजबूर किया था।

    अर्णव खैरे की दुखद कहानी दो और स्टूडेंट सुसाइड की जांच के बीच में आई है। दिल्ली में एक स्कूल के लड़के ने जिसे कथित तौर पर उसके टीचरों ने परेशान किया था और दूसरी जयपुर में एक क्लास 4 की लड़की ने जिसे कथित तौर पर उसके क्लासमेट्स ने बुली किया था।

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