सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, वोडाफोन आइडिया की एजीआर याचिका पर केंद्र करेगा विचार
सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया की याचिका पर केंद्र को विचार करने की अनुमति दी, जिसमें 2016-17 तक के अतिरिक्त एजीआर मांगों को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला सरकार के नीतिगत अधिकार क्षेत्र में है। कंपनी ने तर्क दिया कि ये दावे अस्थिर हैं, जबकि सरकार ने उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए मुद्दों पर विचार करने की बात कही।
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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआई) की याचिका पर विचार करने को केंद्र को सोमवार को अनुमति दे दी और कहा कि यह मुद्दा सरकार के नीतिगत अधिकार क्षेत्र में आता है।
इस याचिका में 2016-17 तक की अवधि के लिए अतिरिक्त समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से जुड़ी मांगों को रद करने का अनुरोध किया गया है।प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) की एजीआर-संबंधित मांगों को चुनौती देने वाली वोडाफोन आइडिया की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
कंपनी ने क्या तर्क दिया
कंपनी ने तर्क दिया कि ये अतिरिक्त दावे अस्थिर हैं क्योंकि एजीआर बकाया पर शीर्ष अदालत के 2019 के फैसले से देनदारियां पहले ही स्पष्ट हो चुकी थीं। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि सरकार के पास अब वोडाफोन आइडिया में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है और लगभग 20 करोड़ उपभोक्ता इसकी सेवाओं पर निर्भर हैं।
उन्होंने दलील दी कि इन परिस्थितियों को देखते हुए, केंद्र उपभोक्ता हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंपनी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने को तैयार है।
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