'वर्चुअल माध्यम से पेश हों...' सुप्रीम कोर्ट के जज ने वकीलों को क्यों दी ये सलाह?
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण के कारण वकीलों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के बजाय वर्चुअल माध्यम से पेश होने की सलाह दी। जस्टिस नरसिम्हा और जस्टिस चंदुरकर की पीठ ने वकीलों को स्वास्थ्य जोखिमों से बचने के लिए वर्चुअल सुनवाई का विकल्प चुनने को कहा। उन्होंने मास्क को पर्याप्त सुरक्षा नहीं माना और जहरीली हवा से होने वाले स्थायी नुकसान के प्रति आगाह किया।

जस्टिस नरसिम्हा की वकीलों को सलाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एनसीआर में वायु की गुणवत्ता के खतरनाक स्तर का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने गुरुवार को वकीलों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के बजाय वर्चुअल माध्यम से पेश होने की सलाह दी।
मामलों की मेंशनिंग के दौरान यह टिप्पणी जस्टिस नरसिम्हा ने की, जो जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर के साथ पीठ में बैठे थे। चूंकि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर बना हुआ है, इसलिए जज ने वकीलों को स्वास्थ्य जोखिमों से बचने के लिए वर्चुअल सुनवाई की सुविधा का उपयोग करने की सलाह दी।
जस्टिस नरसिम्हा की वकीलों को सलाह
जब वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने टिप्पणी की कि अदालत में कई वकील पहले से ही मास्क पहने हुए हैं, तो जस्टिस नरसिम्हा ने आगाह किया कि केवल मास्क से पर्याप्त सुरक्षा नहीं हो सकती।
उन्होंने चेताया कि जहरीली हवा स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी के लोग इस महीने की शुरुआत से ही जहरीली हवा से जूझ रहे हैं। राजधानी की वायु गुणवत्ता इस हफ्ते गंभीर श्रेणी में बनी हुई है
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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