सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामला: घर खरीदारों को मिले फ्लैट, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के प्रयासों को सराहा
200 से अधिक घर खरीदारों की संपत्ति वापस दिलाने के लगातार और सफल प्रयास करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की सराहना की है। इन खरीदारों के फ्लैट सिंडिकेट बैंक (अब केनरा बैंक) से जुड़े 1,267.79 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में फंस गए थे और फ्लैटों पर उनका कब्जा अनिश्चित काल के लिए टल गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों के फ्लैट वापस दिलाने के प्रयासों के लिए ईडी को सराहा (फोटो- एएनआई)
आइएएनएस, नई दिल्ली। 200 से अधिक घर खरीदारों की संपत्ति वापस दिलाने के लगातार और सफल प्रयास करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की सराहना की है।
इन खरीदारों के फ्लैट सिंडिकेट बैंक (अब केनरा बैंक) से जुड़े 1,267.79 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में फंस गए थे और फ्लैटों पर उनका कब्जा अनिश्चित काल के लिए टल गया था।
इस धोखाधड़ी (2011-16) में भारत बंब और अन्य शामिल थे, जिन्होंने बैंक से 1,267.79 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। मुख्य आरोपित भारत बंब ने अपराध की आय का इस्तेमाल रॉयल राज विलास और उसके डेवलपर मेसर्स उदयपुर वर्ल्ड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को हासिल करने के लिए किया था। उसने अवैध वित्तीय लेन-देन का एक ऐसा जटिल जाल बिछाया था जिससे घर खरीदारों को उनके फ्लैट मिलने में देरी हुई और वे उनसे वंचित हो गए थे।
यह मामला सबसे पहले सीबीआइ द्वारा भरत बंब और अन्य के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकियों से शुरू हुआ था। सीबीआइ आरोप-पत्र के अनुसार, आरोपितों ने अपने या परिवार के सदस्यों के नाम पर कंपनियों और फर्मों के माध्यम से 1267.79 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
ईडी ने 1 जून, 2016 में जांच शुरू की थी। उसने आरोपितों की संपत्तियां जब्त कीं और धोखाधड़ी करने वाले डेवलपर्स को दंडित करने व घर खरीदारों के अधिकारों को बहाल करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी।
शीर्ष अदालत ने अपने 10 अक्टूबर के आदेश में रायल राजविलास के 200 से अधिक घर खरीदारों को राहत देते हुए ईडी द्वारा कुर्क किए गए उनके फ्लैटों को मुक्त कर दिया है। हालांकि 11 फ्लैटों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी कुर्की जारी रहेगी। इन फ्लैटों के अपराध की आय का हिस्सा होने का संदेह है।
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