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    SC: लिंग परीक्षण कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों से किया जवाब तलब, इस मामले पर दी चेतावनी

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 03:55 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने गर्भ में लिंग जांच पर रोक से जुड़े पीसीपीएनडीटी कानून और संबंधित नियमों के प्रभावी अमल के लिए दायर याचिका पर राज्यों से चार हफ्ते में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने गौर किया कि पांच राज्यों ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल नहीं कराया है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि इस बार हम जुर्माना नहीं लगा रहे हैं लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होगा।

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    लिंग परीक्षण कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों से किया जवाब तलब

     पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गर्भ में लिंग जांच पर रोक से जुड़े पीसीपीएनडीटी (गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक) कानून और संबंधित नियमों के प्रभावी अमल के लिए दायर याचिका पर राज्यों से चार हफ्ते में जवाब तलब किया है।

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    कोर्ट ने गौर किया कि पांच राज्यों ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल नहीं कराया है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि इस बार हम जुर्माना नहीं लगा रहे हैं, लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होगा।

    मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी। पीठ ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि प्राधिकारियों ने ऐसे मामलों को उचित तरीके से आगे नहीं बढ़ाया, जिसकी वजह से बरी होने के मामले बढ़ गए।

    न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और आर महादेवन की पीठ को अवगत कराया गया कि शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में राज्यों को चार हफ्ते के भीतर शपथपत्र देने का निर्देश दिया था।

    राज्यों को निर्देश दिया गया था कि वे संबंधित अपीलीय न्यायालयों के समक्ष उपयुक्त प्राधिकारियों की तरफ से दायर मामलों, अपीलों, पुनरीक्षणों या अन्य कार्यवाहियों की संख्या बताएं। अदालत ने एक मई 2015 के बाद के आंकड़े मांगे थे। इस मामले में याचिकाकर्ता वकील शोभा गुप्ता ने कहा था कि कानून का पालन नहीं किया जा रहा है।