सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट 18 नवंबर को करेगा सुनवाई, हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई थी रोक
सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले की सुनवाई 18 नवंबर को करेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले मेरिट लिस्ट रद्द कर दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी पक्षकार बनने की याचिका दायर की है। मामले में शीघ्र सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध किया गया है क्योंकि यह मामला पिछले 15 महीनों से लंबित है और 23 बार तारीखें बदल चुकी हैं।
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सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट 18 नवंबर को करेगा सुनवाई
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले में 18 नवंबर को सुनवाई करेगा। मंगलवार को यह मामला सुनवाई के लिए लगा था लेकिन जब उस पर सुनवाई का नंबर नहीं आया तो वकील ने कोर्ट के समक्ष मामले का जिक्र करते हुए जल्द सुनवाई का अनुरोध किया जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने मामले को 18 नवंबर को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ का फैसला पलटते हुए गत 13 अगस्त 2024 को 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती की मेरिट लिस्ट रद कर दी थी और तीन महीने में नई चयन सूची बनाने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट के फैसले पर रोक
सामान्य वर्ग के चयनित उम्मीदवारों रवि सक्सेना व 51 अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट की खंडपीठ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थियों की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 9 सितंबर 2024 को हाई कोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
इसके बाद से इस मामले में प्रभावी सुनवाई नहीं हुई है। इस बीच आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मामले में पक्षकार बना कर उनका पक्ष सुने जाने का अनुरोध किया है। मंगलवार को उनकी ओर से ही मामले की मेंशनिंग की गई थी।
जल्दी सुनवाई का किया अनुरोध
लंबे समय से मामला सुनवाई पर न आने पर आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की ओर से मंगलवार को वकील मनीष गोस्वामी ने न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और एजी मसीह की पीठ के समक्ष केस का जिक्र करते हुए जल्दी सुनवाई का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से मामला लंबित है लेकिन इस पर सुनवाई का नंबर नहीं आ रहा जिसके चलते अभ्यर्थी परेशान हैं।
15 महीनों में 23 बार बदली तारीख
कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए मामले को 18 नवंबर को 2 बजे सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से मामले में पैरवी कर रहे पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी राजेश चौधरी कहते हैं कि इस मामले में पिछले 15 महीने में 23 से अधिक बार तारीखें मिल चुकी हैं लेकिन सुनवाई का नंबर नहीं आया है जिससे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी परेशान हैं। उनकी कोर्ट से यही गुहार है कि मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए।

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