Surya Grahan 2025 India LIVE: आसानी से देख पाएंगे साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, करना होगा ये काम; टाइमिंग सहित पूरी डिटेल
Surya Grahan 2025: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगेगा। साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, रविवार को रात 10 बजकर 59 मिनट पर लगेगा। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो जब चंद्रमा, धरती और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है, तो इस स्थिति में सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है इस खगोलीय घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।

Solar Eclipse 2025: आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। यह एक अद्भुत खगोलीय घटना है। रविवार को लगने वाला सूर्य ग्रहण एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इसका काफी ज्यादा वैज्ञानिक, ज्योतिष और धार्मिक महत्व होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो जब चंद्रमा, धरती और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है, तो इस स्थिति में सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है इस खगोलीय घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं। यहां जानिए सूर्य ग्रहण से जुड़े अपडेट्स..
बता दें आज लगने वाला सूर्य ग्रहण आखिरी है। इसके बाद साल 2026 में अगला सूर्य ग्रहण लगेगा। अगले साल दो बार सूर्य ग्रहण लगेगा।
भारतीय समयानुसार रात 10:59 लगेगा सूर्य ग्रहण। वहीं, ये सूर्य ग्रहण रात 1:11 बजे चरम पर रहेगा और 22 सितंबर सुबह 3:23 बजे इस सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
कई बार सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में नहीं आते, बल्कि चंद्रमा सूर्य के केवल कुछ हिस्से को ही ढंक पाता है। ऐसा लगता है जैसे सूर्य का कोई टुकड़ा काटा हुआ हो। इस स्थिति को ही आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं।
भारत में सूर्य ग्रहण भले नहीं दिखाई देगा, लेकिन इसको आप लाइव देख सकते हैं। इसके लिए आपको Timeanddate के YouTube चैनल पर जाना होगा, जहां पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी।
जानकार बताते हैं कि सूर्य का सीधा अवलोकन गंभीर जोखिम पैदा करता है। इससे रेटिना को सीधे दिक्कत होती है। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए हमेशा कुछ वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल करें। जिससे आपकी आंखों को कई दिक्कत ना हो।
सूर्य ग्रहण का ज्योतिष में काफी महत्व है। ऐसे में ज्योतिष बताते हैं कि करीब 122 साल बाद ऐसा हो रहा है कि ग्रहण से ही पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है और ग्रहण से ही पितृपक्ष का समापन भी हो रहा है। इससे पहले ऐसा संयोग 1903 में बना था।
भारत में सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल से पहले ही मंदिर के कपाट को बंद कर देना चाहिए। वहीं, खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते को डाल दें। मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय में देवी-देवताओं के मंत्रों का जप करें।
पितृपक्ष 2025 की समाप्ति और महालया 2025 के दिन लग रहे इस सूर्यग्रहण 2025 के बारे में ज्योतिषविदों का मानना है कि इसका दुनियाभर में दूरगामी प्रभाव देखने को मिलेगा। रात 10 बजकर 39 मिनट से करीब 5 घंटे तक ग्रहण का प्रभाव रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान कई कामों पर मनाही होती है। हालांकि, 21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए सूतक काल नहीं लगेगा। लेकिन मान्यताओं के अनुसार, सावधानियां बरतनी चाहिए।
ग्रहण की धार्मिक मान्यता काफी है। ऐसे में सूर्य ग्रहण के दौरान कई ऐसे का है, जिसे करने बचा जाना चाहिए। जानकार बताते हैं कि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें। साथ ही खाने-पीने से भी बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके और पूजा-पाठ करके ही कोई काम शुरू करना चाहिए।
यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा। खगोल विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए बाधित हो जाती है।
सूर्य ग्रहण को लेकर सनातन धर्म में विशेष मान्यता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण के दौरान कई उपाय बताए गए हैं, जो सूर्य ग्रहण के समय करने चाहिए। सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव की पूजा-अर्चना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण के बाद इस उपाय को करने से सभी बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं।
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत होती है। इस अवधि के दौरान पूजा-पाठ, शुभ और मांगलिक काम करने की मनाही है। ऐसा माना जाता है कि सूतक काल के दौरान प्रभु के नाम का जप करें। इसके अलावा भोजन का सेवन न करें। सूर्य ग्रहण के समापन के साथ ही सूतक समय खत्म होता है। हालांकि इस बार भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
भारत में सूर्य ग्रहण का काफी धार्मिक महत्व माना जाता है। रविवार को पितृ विसर्जनी अमावस्या के दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। देश में न दिखने से सूतक काल नहीं होगा और धार्मिक कार्य अपने समयानुसार होंगे। ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा।
21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण ना दिखने के कारण सूतक भी नहीं लगेगा।
भारतीय समायनुसार इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण रात 10:59 से शुरू होगा और 22 सितंबर 3.23 बजे समाप्त होगा। रात्रि के 1.11 पर सूर्य ग्रहण अपने चरण पर होगा।
जानकारी के अनुसार, मुख्य रूप से गोलार्ध में दिखाई देगा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फिजी में सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा।
21 सितंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। हालांकि, भारत में इसको नहीं देखा जा सकेगा। चूंकि भारत में इसको नहीं देखा जाएगा इस कारण इसका कोई धार्मिक या ज्योतिषीय प्रभाव भी नहीं माने जाएंगे। ऐसे में सूतक भी नहीं लगेगा।