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    भारतीय वायु सेना में Tejas ने पूरे किए सात साल, विमान की खासियतें उड़ा देंगी दुश्मनों के होश

    By Piyush KumarEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Wed, 05 Jul 2023 09:37 PM (IST)

    Tejas Fighter Aircraft भारतीय लड़ाकू विमान तेजस Tejas Fighter Jet एक बार फ‍िर सुर्खियों में है। तेजस ने भारतीय वायुसेना में अपनी सेवा के सात साल पूरे कर लिए। यह भारत के विमानन इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आइए जानते हैं इस लड़ाकू विमान की क्या है खासियतें और किस विमान को रिप्लेस करने के लिए तेजस को किया गया तैयार।

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    भारतीय वायुसेना में तेजस ने अपनी सेवा के सात साल पूरे किए।(फोटो जागरण)

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Tejas Fighter । स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस ने भारतीय वायुसेना में अपनी सेवा के सात साल पूरे कर लिए। इस लड़ाकू विमान की ताकत को अमेरिका जैसे ताकतवर देश ने भी सराहा है। एक सीट और एक जेट इंजन वाले इस हल्के लड़ाकू विमान को हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है।

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    इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में हल्के लड़ाकू विमान को शामिल करने की तैयारी साल 1983 से शुरू हो गई थी। 21 साल की मेहनत आखिरकार रंग लाई और साल 2001 में स्वदेश में बने हल्के लड़ाकू विमान ने पहली बार उड़ान भरी।

    साल 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस हल्के लड़ाकू विमान को 'तेजस' नाम दिया। भारतीय वायुसेना ने एक जुलाई, 2016 को पहली तेजस यूनिट का निर्माण करके विमान को सेवा में शामिल किया था। तेजस को सबसे पहले वायुसेना के स्क्वाड्रन नंबर 45 ‘फ्लाइंग डैगर्स' ने शामिल किया था।

    मिग-21 को रिप्लेश करने के लिए तैयार किया गया तेजस

    तेजस को तैयार करने के पीछे भारत सरकार की मंशा थी कि साल 1964 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए मिग-21 को इस हल्के लड़ाकू विमान से बदला जाए। बता दें कि फ्लाइंग कॉफिन के नाम से प्रसिद्ध मिग-21 कई बार दुर्घटनाग्रस्त या क्रैश हो चुकी है।

    रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो तेजस आठ से नौ टन भार ले जा सकता है। वहीं, ये विमान सुखोई की तरह कई तरह के हथियार और मिसाइल ले जा सकता है।

    यह विमान इलेक्ट्रानिक रडार, दृश्य सीमा से परे (BVR) मिसाइल, इलेक्ट्रानिक वारफेयर (EW) सूट और हवा से हवा में ईंधन भरने (AAR) की महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताओं से लैस है।

    जानें क्यों हैं तेजस इतना शक्तिशाली

    यह भारत के विमानन इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। 6,500 किलोग्राम के इस हल्के लड़ाकू विमान में इजरायल का ईएल/एम-2052 रडार लगाया गया है। सबसे बड़ी खासियत है ये विमान एक साथ 10 टारगेट को ट्रैक करते हुए हमला कर सकता है। इसे टेकऑफ के लिए ज्यादा बड़े रनवे की जरूरत नहीं होती।

    कई देशों ने दिखाई विमान को खरीदने की दिलचस्पी

    अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मलेशिया समेत कई देशों ने तेजस विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। बता दें कि वायुसेना ने 2021 में दुबई एयर शो, पिछले साल सिंगापुर एयर शो जैसी अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में इस विमान की प्रदर्शित किया गया।

    इसके अलावा, साल 2017 से साल 2023 तक एयरो इंडिया शो सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में इस विमान की ताकत दिखाई गई।

    जल्द तेजस एमके-1ए की आपूर्ति मिलने की उम्मीद: रक्षा मंत्रालय 

    कुछ दिनों पहले रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारतीय वायुसेना को अगले साल फरवरी से हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए की आपूर्ति मिलने की उम्मीद है।

    मंत्रालय ने आगे कहा,तेजस पर भारतीय वायुसेना का भरोसा 83 एलसीए एमके-1ए के ऑर्डर से दिखता है। इसने कहा कि एलसीए एमके-1ए में अद्यतन वैमानिकी के साथ इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित सक्रिय रडार, अद्यतन इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट और दृश्य सीमा से परे मिसाइल क्षमता होगी।"