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    Terror Funding: टेरर फंडिंग पर लगेगा लगाम, आतंकवादियों से जुड़ाव का पता चला तो 24 घंटे में फ्रीज होंगी संपत्तियां

    By Jagran NewsEdited By: Shubham Sharma
    Updated: Wed, 29 Nov 2023 05:00 AM (IST)

    देश के अर्थतंत्र में मनी लांड्रिंग और कालेधन का पता लगाने का काम करने वाली वित्तीय खुफिया इकाई (एफआइयू) को ‘द वेपंस आफ मास डिस्ट्रक्शन एंड देयर डिलीवर ...और पढ़ें

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    टेरर फंडिग पर लगेगा लगाम। (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, प्रेट्र। आतंकवाद और आतंकी फंडिंग से तार जुड़े होने के मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा नामित व्यक्तियों, इकाइयों या संगठनों की संपत्तियों को अब यूएपीए और डब्ल्यूएमडी एक्ट के तहत 24 घंटे के अंदर फ्रीज किया जा सकेगा। सरकार ने नियामकों और जांच एजेंसियों को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।

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    कानूनी कार्रवाई के लिए बनी नोडल एजेंसी 

    देश के अर्थतंत्र में मनी लांड्रिंग और कालेधन का पता लगाने का काम करने वाली वित्तीय खुफिया इकाई (एफआइयू) को ‘द वेपंस आफ मास डिस्ट्रक्शन एंड देयर डिलीवरी सिस्टम्स (प्रोहिबिशन आफ अनलाफुल एक्टिविटीज) एक्ट, 2005 या डब्ल्यूएमडी एक्ट की धारा-12ए के तहत ऐसे इकाइयों या संगठनों की पहचान करने, अधिसूचित करने और उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है।

    एजेंसियों को बताई गई थी प्रक्रिया  

    सरकारी रिकार्ड के अनुसार, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अधिनियम, 1947 की धारा-2 के तहत यूएनएससी प्रस्ताव 1718 (2006) एवं 2231 (2015) और उनके बाद के प्रस्तावों के तहत अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार यह कानून बनाया था। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग (डीओआर) ने देश की नियामकों, जांच एजेंसियों, खुफिया एजेंसियों और राज्य की पुलिस एजेंसियों को पिछले महीने निर्देश जारी कर 2005 के कानून को लागू करने की प्रक्रिया विस्तार से बताई थी।

    आतंकी को होगा सामूहिक विनाश 

    इस कानून का मकसद सामूहिक विनाश के हथियारों का प्रसार रोकना है जिनमें कोई भी जैविक, रासायनिक या परमाणु हथियार शामिल है। यह कानून सरकार से इतर किसी भी तत्व और आतंकी को सामूहिक विनाश के हथियार हासिल करने से रोकने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। राजस्व विभाग के परिपत्र अनुसार, सरकार द्वारा उक्त दिशानिर्देश गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1967 (यूएपीए) की धारा-51ए और डब्ल्यूएमडी एक्ट की धारा-12ए के तहत जारी किए गए हैं।

    इसमें कहा गया है, ‘प्रतिबंध प्रभावी हों और नामित लोग या इकाइयां लक्षित (टार्गेटेड) धन और संपत्तियों का लेन-देन या उपयोग न कर पाएं, इसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समझौतों के मुताबिक प्रतिबंध बिना देरी के लागू किए जाएं।’

    आर्थिक संसाधनों को फ्रीज करने की होगी शक्ति

    केंद्र सरकार ने इस वर्ष की शुरुआत में एफआईयू निदेशक को डब्ल्यूएमडी एक्ट की धारा-12ए के तहत केंद्रीय नोडल अधिकारी (सीएनओ) नियुक्त किया था। यह प्रविधान एफआइयू के जरिये सरकार को 2005 के इस कानून और यूएपीए की धारा-51 के तहत नामित व्यक्तियों या इकाइयों के स्वामित्व वाली या उनके द्वारा नियंत्रित धनराशि, वित्तीय संपत्तियों या आर्थिक संसाधनों को फ्रीज करने, जब्त करने या अटैच करने की शक्ति प्रदान करता है।

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