6 साल पुराने गोलीकांड मामले में दो दोषियों को पांच साल की सजा, होटल में की थी फायरिंग
चित्तौड़गढ़ में छह साल पुराने गोलीकांड मामले का फैसला गुरुवार को आया। अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-2 विनोद कुमार बैरवा की अदालत ने दो आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। मुख्य आरोपी रतनलाल शर्मा को पांच साल के कठोर कारावास और 30 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है

6 साल पुराने गोलीकांड मामले में दो दोषियों को पांच साल की सजा (सांकेतिक तस्वीर)
जेएनएन,उदयपुर। चित्तौड़गढ़ में छह साल पुराने गोलीकांड मामले का फैसला गुरुवार को आया। अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-2 विनोद कुमार बैरवा की अदालत ने दो आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
मुख्य आरोपी रतनलाल शर्मा को पांच साल के कठोर कारावास और 30 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है, जबकि उसे पिस्तौल उपलब्ध कराने वाले आरोपी राहुल मीणा को तीन साल की कैद और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा दी गई। यह मामला वर्ष 2019 में बस्सी थाना क्षेत्र के एक होटल में हुए मामूली विवाद के बाद हुई फायरिंग से जुड़ा है।
मामले के अनुसार, 13 अक्टूबर 2019 को बस्सी थाना क्षेत्र के अंतर्गत रतन पुत्र बालूराम सुवालका के "जय मां टुकड़ा रानी" नामक होटल पर रतनलाल पुत्र बाबूलाल शर्मा, निवासी परसोली, अपने साथी मांगीलाल के साथ खाना खाने पहुंचा था। उस समय सुबह का वक्त होने से खाना तैयार नहीं था।
इसी बात को लेकर दोनों का होटल मालिक से विवाद हो गया। गुस्से में दोनों वहां से चले गए, लेकिन कुछ देर बाद रतनलाल ने होटल मालिक को फोन पर धमकी दी और फिर लगभग 10 मिनट बाद मांगीलाल की बाइक लेकर वापस आ गया।
वापस आने पर रतनलाल ने होटल के बाहर पिस्तौल निकालकर फायरिंग कर दी। सौभाग्य से होटल मालिक रतन सुवालका बाल-बाल बच गया। उसने अगले दिन यानी 14 अक्टूबर को बस्सी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
रिपोर्ट के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी रतनलाल को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान उसके घर से पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए। वारदात में प्रयुक्त बाइक भी जब्त की गई।
जांच में सामने आया कि रतनलाल ने यह पिस्तौल चंदेरिया के पांडोली क्षेत्र निवासी राहुल पुत्र जगदीश मीणा से खरीदी थी। पुलिस ने राहुल को भी गिरफ्तार कर लिया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि दोनों के खिलाफ पूर्व में विभिन्न थानों में कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
पुलिस ने 7 जनवरी 2020 को दोनों के विरुद्ध चार्जशीट अदालत में पेश की। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 18 गवाहों और 39 दस्तावेजों को सबूत के रूप में प्रस्तुत किया। सभी साक्ष्यों और दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया।

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