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    उज्जैन भी जुड़ेगा राम पथ वन गमन में, 15 और स्थल जोड़ने की तैयारी

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 07:41 PM (IST)

    उज्जैन के रामेश्वर मंदिर को राम पथ वन गमन में शामिल करने की तैयारी है, क्योंकि भगवान राम तीर्थ यात्रा के दौरान यहां आए थे। सरकार 12 से 15 नए धार्मिक स्थलों को जोड़ने की योजना बना रही है। वर्ष 2026 से विकास कार्य शुरू करने की योजना है, जिसके लिए बजट में 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राम पथ वन गमन वाले जिलों में दीपोत्सव भी आयोजित किया जाएगा।

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    उज्जैन राम पथ वन गमन में शामिल

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में भगवान राम तीर्थ यात्रा के दौरान आए थे। यहां का रामेश्वर मंदिर इसका प्रमाण माना जाता है, इसलिए अब इसे भी राम पथ वन गमन स्थलों में सम्मिलित करने की तैयारी है।

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    अभी तक नौ जिलों के 23 स्थानों को चिन्हित किया गया था। अब उज्जैन के रामेश्वर मंदिर के अतिरिक्त बालाघाट व मंडला के कुछ स्थल, और पूर्व चिह्नित नौ जिलों के कुछ नए स्थान मिलाकर 12 से 15 नए धार्मिक स्थल जुड़ेंगे।

    उज्जैन राम पथ वन गमन में शामिल

    नए चिन्हित स्थलों के संबंध में लगभग एक माह के भीतर सरकार की तरफ से निर्णय होने की आशा है। इस वर्ष अंत तक स्थानों के चिह्नांकन को अंतिम रूप देकर वर्ष 2026 से विकास कार्य प्रारंभ करने की योजना है। इसके लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बने न्यास बोर्ड नवंबर-दिसंबर में बैठक हो सकती है, जिसमें स्थलों के विकास की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा। राज्य सरकार ने स्थलों के खोज की जिम्मेदारी इस संबंध में कई वर्षों से शोध कर रहे डा. राम अवतार शर्मा को दी है।

    15 नए स्थल जोड़ने की तैयारी

    डा. शर्मा ने बताया कि उज्जैन के रामेश्वर मंदिर के स्कंद पुराण और तापी पुराण में प्रमाण मिलते हैं। हालांकि, मंदिर अभी जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है। उन्होंने बताया कि 12 से 15 स्थल और चिह्नित किए हैं। इनकी सूची शीघ्र की प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि सरकार राम पथ वन गमन स्थलों को चिह्नित कर उनका धार्मिक, पर्यटन, संस्कृति की दृष्टि से विकास करने जा रही है। इसके लिए वर्ष 2025-26 के बजट में भी 30 करोड़ रुपये की राशि का प्रविधान किया गया है। वहीं, कृष्ण पाथेय के लिए 10 करोड़ रुपये रखे गए हैं। विकास कार्य प्रारंभ करने के पहले विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उल्लेखनीय है कि इसके पहले सतना, पन्ना, कटनी, मैहर, कटनी, जबलपुर, नर्मदापुरम, उमरिया और अनूपपुर मिलाकर नौ जिलों के 23 स्थान चिह्नित किए गए थे, जिनमें सर्वाधिक सतना जिले के चित्रकूट में हैं।

    एक नवंबर को जगमगाएंगे दीप

    सरकार राम पथ वन गमन वाले जिलों में एक नवंबर को दीपोत्वस करने जा रही है। पहले चिह्नित नौ जिलों में कहीं सवा लाख तो कहीं 51 हजार दीप जलाए जाएंगे। दीपोत्सव की जिम्मेदारी कलेक्टरों को दी गई है। विभाग के अधिकारियों ने बताया जलाशयों के किनारे, बड़े मंदिरों, उद्यानों आदि में दीप जलाए जाएंगे। इसका समय अपने-अपने जिलों में कलेक्टर निर्धारित करेंगे। पहले बार इस तरह का आयोजन संस्कृति विभाग करने जा रहा है।