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    बेमौसम बारिश ने बढ़ाई ठंड, पुष्कर मेले में आए पशुपालक और लोग परेशान; अलाव का ले रहे सहारा

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 09:46 PM (IST)

    अजमेर के पुष्कर मेले में बेमौसम बारिश से ठंड बढ़ गई है, जिससे पशुपालकों और पर्यटकों को परेशानी हो रही है। आंधी और बारिश के कारण मेले में आए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पशुपालक अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। मेले में ऊंट और घोड़ों की खरीद-फरोख्त जारी है, और विदेशी पर्यटक भी भारतीय संस्कृति को देखकर उत्साहित हैं।

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    बेमौसम बरसात से कार्तिक मास में ठण्ड और तेज हो गई

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अजमेर जिले में सोमवार को मौसम ने पलटी मार दी। बेमौसम बरसात से कार्तिक मास में ठण्ड और तेज हो गई। इसका सर्वाधिक असर तीर्थ नगरी पुष्कर में जारी अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले पर पड़ा। मौसम के करवट बदलते हुए तेज आंधी तूफान के साथ बरसात के चलते ठंडक तो बढ़ी ही अस्थाई दुकान कर मेला कमाने आए देश भर से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ गया।

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    बेमौसम की बारिश पशुपालकों के लिए आफत बन गई। सोमवार को हुई दिनभर हुई बरसात से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया तो वही मेले में आए पशुपालकों पशुओं और मेलार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेत के धोरों पर टेंट में रह रहे पशुपालकों और रेत के धोरों में खुले में विचरण कर रहे पशुओं को बरसात के कारण काफी दिक्कत पेश आ रही है।

    पशु पालक बरसात से बचने के लिए अस्थाई तम्बू में कैद हो रखे हैं तो कई अलाव का सहारा ले रहे है। पुष्कर मेले में आए मेलार्थियों को भी बरसात में कैद रहना पड़ा जिसके चलते बाजार सुनसान नजर आए यही नहीं अस्थाई दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा तथा बरसात से सामान को बचाने के लिए तिरपाल के इंतजाम करने पड़ रहे हैं जो महंगे हैं।

    अश्व वंश देशी पर्यटकों का आकर्षण बने

    विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले में पहुंचे एक से बढ़कर एक अश्व वंश देशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं वहीं ऊंट वंश की हरकते विदेशी पर्यटकों को लुभा रही हैं। विदेशी पर्यटक पशुओं के साथ देहाती ग्रामीण पशुपालकों की दिनचर्या के बारे में जानकारी लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं। साथ ही पशुपालकों के रेतीले धोरों में खाना बनाने, उनके रहन सहन व पशुओं के खान-पान के बारे में विस्तार से जानकारी लेकर अपने कैमरें में यादे कैद कर रहे हैं।

    pushkar mela

    पुष्कर मेला देसी के साथ विदेशियों के बीच भी बहुचर्चित है। पुष्कर के रेतीले धोरों में ऊंट व अश्वों के रंभाने की आवाज सभी के लिए एक अलग ही अनुभूति का स्मरण करा रही है। उधर, मेले में पशुओं की खरीद फरोख्त जोरों पर जारी है। व्यापारी पशुओं की नस्ल, कद, चाल, दांत आदि देख कर पशुओं का मोल भाव कर रहे है।

    मेले में अब तक पहुंचे 4336 पशु

    पुष्कर के रेतीले धोरों में पशुओं की मंडी सज कर तैयार हो गई है। नए मेला मैदान में सजी मंडी में पशु व पशुपालकों की आवक बनी हुई है। अब तक मेले में ऊंट व अश्व सहित 3 हजार से अधिक पशु पहुंच गए हैं। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक व मेला अधिकारी डॉ० सुनील घीया ने बताया कि मेले में रविवार की शाम तक 4 हजार 336 पशुओं की आवक दर्ज की गई है। इनमें सर्वाधिक 3028 अश्व शामिल हैं। जबकि अभी तक 1306 ऊंटों की आमद हुई है।

    1 गौवंश व 1 भैंस वंश आए हैं। कुल 701 जानवर राजस्थान के बाहर से आए हैं। डॉ. घीया ने बताया कि पुष्कर मेले में सोमवार को एक ही दिन में करीब 926 अश्व वंश पहुंचे। जबकि ऊंट केवल 389 ही आए। तथा पशुओं की आवक लगातार बनी हुई है। वहीं दूर-दराज से व्यापारी पहुंच रहे हैं तथा खरीद-बिक्री का सिलसिला शुरू हो गया है। खुले आसमान के नीचे पशुपालक व व्यापारियों के बीच लाखों रुपयों का लेनदेन हो रहा है।

    केकड़ी का अश्व बादल कर रहा है आकर्षित

    पुष्कर मेले में अब तक पहुंचे घोड़े-घोडिय़ों में 68 इंच प्लस लंबाई के बादल नामक अश्व मेलार्थियों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। रविवार को दिनभर मेलार्थी बादल के साथ सेल्फी लेते दिखे। पुष्कर मेले में बादल को तीसरी बार लेकर आए केकड़ी के जेतवाल स्टड फार्म के राहुल जेतवाल ने बताया कि बादल का रंग सफेद है, वह 5 वर्षीय है तथा 68 इंच प्लस है तथा मेले में इसका प्रदर्शन करने के लिए लेकर आये हैं।

    अश्व पालन में उनकी यह 7वीं पीढ़ी है तथा उनके परिवारजन बीते 10 सालों से मेले में आ रहे हैं। इस बार वे 20 घोड़े-घोडिय़ां लेकर आये हैं। राहुल ने बादल की कीमत पर बताया कि वह अनमोल है फिर भी वे इसकी कीमत 15 करोड़ तक मानते है। गत वर्ष इसकी 9 करोड़ तक बोली लगी थी।

    650 किलो का राणा नामक भैंसा

    पुष्कर मेले में ऊंट व अश्वों के साथ एक भैंसा भी पहुंचा है। वहीं भैंसे की खासियत है कि वह 650 किलो वजनी है। मध्यप्रदेश से पहली बार पुष्कर मेले में बिकने के लिए पहुंचा राणा नामक भैंसा देसी के साथ विदेशियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना है। भैंसे के साथ देशी व विदेशी पर्यटक सेल्फी लेकर उत्साहित हो रहे है।

    मध्यप्रदेश के उज्जैन से भैंसा लेकर आये धर्मेन्द्र चौहान ने बताया कि राणा 650 किलो का है, वह साढ़े 3 साल का है। तथा उसके खाने के बारे में बताया कि वे उसे प्रतिदिन चना, अंडा, दूध, घी आदि का सेवन कराते है। बताया कि वे इस भैंसे को बेंचने के लिए ही आये है तथा इसको वे 15 लाख रुपये तक बेचेंगे।

    विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़ी

    धार्मिक मेला 2 नवंबर को कार्तिक एकादशी स्नान के साथ होगा। मेले में श्रद्धालुओं के साथ-साथ देशी-विदेशी सैलानियों की आवक दिनों दिन बढ़ रही है। सरोवर के घाट, मंदिर व बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालु व पर्यटक सरोवर में स्नान, पूजा व मंदिरों के दर्शन करने के साथ-साथ नए मेला मैदान पहुंच कर पशुओं की अटखेलियां देख कर रोमांचित हो रहे है।

    pushkar animal fair

    यूएस के पर्यटक हुए रोमांचित

    पुष्कर मेले में आए यूनाइटेड स्टेटस के 16 सदस्यीय विदेशी पर्यटकों के दल पशु मेला देखकर काफी रोमांचित हुए। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे यहां यहां जस्ट 2 घंटे पहले आए हैं, यहां उन्हे कोई अंदाजा नहीं था कि उन्हें यहां इतना भव्य सुन्दर और भीड़भाड़ वाला दृश्य देखने को मिलेगा। साथ ही बताया कि उन्होंने भारतीय संस्कृति के बारे में सीखना शुरू किया है तथा वे यहां कैमल के श्रृंगार को देखकर सभी काफी रोमांचित हुए है।