'स्कूल से निकल जाएं मुस्लिम बच्चे...' यूपी के स्कूलों में 'वंदे मातरम' अनिवार्य करने पर बोले मौलाना कासमी
उत्तर प्रदेश में स्कूलों में 'वंदे मातरम' अनिवार्य करने पर मुस्लिम समुदाय ने नाराजगी जताई है। मौलाना हलीम उल्लाह कासमी ने कहा कि मुसलमानों को अपने बच्चों को स्कूलों से निकाल लेना चाहिए। उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए कहा कि वे अपनी आस्था के खिलाफ कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। कासमी ने यह भी कहा कि 'वंदे मातरम्' के नाम पर मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

यूपी में 'वंदे मातरम' अनिवार्य करने पर विवाद। प्रतीकात्मक फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार को राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में 'वंदे मातरम्' गाना अनिवार्य करने की घोषणा पर मुस्लिम समुदाय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
जमीयत उलमा-ए-महाराष्ट्र के अध्यक्ष मौलाना हलीम उल्लाह कासमी ने कहा कि मुसलमानों को अपने बच्चों को स्कूलों से निकाल लेना चाहिए, बजाय इसके कि उन्हें राष्ट्रगीत गाने के लिए मजबूर किया जाए।
यूपी में 'वंदे मातरम' अनिवार्य करने पर विवाद
कासमी ने कहा, हम मुसलमान हैं। इस देश का संविधान हमें अपने धर्म का पालन करने की आजादी देता है। अगर हमारी आस्था के खिलाफ कुछ भी थोपा जाता है, तो हमारा संविधान उसे स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए हम किसी भी हालत में ऐसी चीज को स्वीकार नहीं करेंगे जो हमारे धर्म के खिलाफ हो।
धार्मिक स्वतंत्रता का दिया हवाला
हमारा धर्म हमें सिखाता है कि अल्लाह एक है और हम सिर्फ उसी की इबादत करेंगे। किसी और की नहीं। अगर हम इसके अतिरिक्त कुछ करेंगे, तो मुसलमान नहीं रहेंगे। जहां तक देश का सवाल है, मुसलमान राष्ट्र के प्रति सम्मान दिखाने में कभी पीछे नहीं रहे।
मुस्लिम समुदाय ने जताई कड़ी नाराजगी
'वंदे मातरम' के नाम पर जो कुछ भी हो रहा है, वह सिर्फ मुसलमानों को प्रताडि़त करने के लिए किया जा रहा है। कासमी ने स्पष्ट किया कि मुस्लिम बच्चे 'वंदे मातरम्' गायन में हिस्सा नहीं लेंगे और अगर सरकार इस निर्देश को लागू करने पर अड़ी रही, तो मुस्लिम समुदाय अपने बच्चों को स्कूलों से निकाल लेगा।
(न्यूज एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)

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