'हैप्पिनेस इंडैक्स के जरिए हमने जीता है गोवा का दिल', जागरण से खास बातचीत में और क्या बोले CM प्रमोद सावंत?
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भूमि सुधार कानूनों को लागू करके अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटे हैं। उनका कहना है कि इससे राज्य की 50% आबादी को लाभ होगा। सावंत सरकार ने घरों को अस्थायी नंबर दिए पुर्तगाली शासनकाल के घरों की मरम्मत की अनुमति दी और संपत्ति के बंटवारे को आसान बनाया।

जेएनएन, नई दिल्ली। गोवा में सबसे लंबे समय तक भाजपा के मुख्यमंत्री रहने वाले प्रमोद सावंत जमीन के सहारे ही अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटे हैं।
महज 40 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में माना जा रहा है कि भूमि सुधार कानून के पूरी तरह लागू होने के बाद गोवा में भाजपा और खुद सांवत के लिए चुनौतियां थोड़ी कम होगी।
दिल्ली में उन्होंने दैनिक जागरण के राजनीतिक संपादक आशुतोष झा और सहायक संपादक नीलू रंजन से बात की। पेश है एक अंश-
गोवा के सबसे लंबे भाजपा मुख्यमंत्री के रूप में सबसे बड़ी उपलब्धि क्या देखते हैं?
मैं आपको बताऊं कि पहले गोवा अपनी जरूरतों की चीजों का सौ फीसद आयात ही करता था। अब हम भी कुछ सामान बाहर भेजने लगे हैं। लेकिन मैं आपको कहूं कि हमारा राज्य हैप्पिनेस इंडैक्स में सबसे उपर है। और वह इसलिए हुआ है क्योंकि शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, आदि हम लोगों के घरों तक पहुंचाने में कामयाब हुए हैं।
मोदी सरकार की 13 महात्वाकांक्षी योजनाओं में अधिकांश को लागू करने में सफल रहे। प्रधानमंत्री मोदी की फ्लैगशिप स्कीम में जो 13 योजनाओं का जिक्र है उसमें से 80 फीसद तो हम सौ फीसद घरों में पहुंचा चुके हैं। अभी हम भूमि सुधार लेकर भी आए हैं जिससे 50 फीसद आबादी को लाभ होगा। गिनाने को बहुत सारे काम हैं। हमने अपने काम से लोगों का दिल जीता है।
दूसरे राज्यों में भी भूमि सुधार को बड़े कदम के रूप में देखा जाता है। गोवा में किस तरह से हो रहा है, इसे थोड़ा विस्तार से बताइए।
कई कदम उठाए गए हैं। कई घरों का नंबर भी नहीं था, उनको हमने अस्थायी नंबर दिया। इसके कारण उन्हें पानी मिला, बिजली मिली। पुर्तगाल शासन काल में बने घरों की मरम्मत करने के लिए अनुमति दी। अब यह कानून बन गया है कि 3 दिन के अंदर अनुमति मिलेगी।
एक ही घर में रहने वाले दो भाइयों के बीच घर के बंटवारे का प्रविधान किया। दोनों भाईयों के अब अलग अलकग नंबर मिल रहे हैं। सरकारी लीज और सामूहिक मालिकाना की जमीन पर बने घरों के नियमित करने का काम भी किया गया।
लेकिन कई राज्यों में भाजपा आरोप लगाती है कि इस तरह का नियमन वोटबैंक बनाने के लिए किया जाता है। क्या वही आप अपने राज्य में करने जा रहे हैं।
80 फीसद लोग तो गोवा के ही हैं। 20 फीसद लोग जिनके बारे में कहा जा रहा कि बाहर से आए हैं, वो हमारे वक्त में तो नहीं आए थे। जब विपक्ष की सरकार चल रही थी तभी यहां आए हैं। हमने इसके लिए भी 2014 की कटआफ डेट रखी है और 2014 के पहले का भी 15 साल का आवासीय प्रमाण पत्र मांग रहे हैं। 30 साल से कोई गोवा में रह रहा है तो उसकी दूसरी और तीसरी पीढ़ी गोवा में हो गई। इसीलिए उसे बाहर वाला नहीं कह सकते।
कहा जा रहा है कि पिछले कुछ सालों में गोवा में पर्यटकों की संख्या काफी गिरी है। इसकी क्या वजह है और इसके लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
पर्यटकों की संख्या गोवा में गिरी नहीं है। जीएसटी और उत्पाद राजस्व में लगातार तेज बढ़ोतरी इसका प्रमाण है। गोवा में यह पर्यटन से ही आया है। कुछ लोग पिक्चर दिखा रहे हैं कि गोवा में पर्यटन घटा है। ऐसा कुछ नहीं है।
गोवा यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य है। उत्तराखंड के यूसीसी में लि¨वग रिलेशनशीप वाले प्रविधान को लेकर आलोचना हो रही है। उत्तराखंड का यूसीसी गोवा की तुलना में कैसा दिखता है ?
जब यूसीसी की बात आती है तो गोवा माडल फालो करना चाहिए। जन्म, मृत्यु, शादी लेकर संपत्ति पंजीकरण तक इतना अच्छा यूसीसी वाला कोई राज्य नहीं होगा। बेटा, बेटी, पत्नी सबका संपत्ति में शेयर सुनिश्चित है।
पूरे देश में भाजपा की छवि अल्पसंख्यक विरोधी बना दी गई है। लेकिन गोवा में 25 फीसद ईसाई हैं, जो भाजपा के लिए भी वोट करते हैं। ऐसा क्यों?
भाजपा अल्पसंख्यक विरोधी पार्टी नहीं है। यह बात पहले सबके समझ में आना चाहिए। मेरे मंत्रिमंडल में तीन बड़े मंत्री अल्पसंख्यक कैथोलिक समुदाय से हैं। मेरे 28 विधायक में 15 विधायक कैथोलिक हैं। हमारे विधायकों को सभी समुदायों का वोट मिलता है। हर 10 साल बाद सेंट फांसिस जेवियर के रेलिक्स का एक्सपोजिशन होता है। मेरे कार्यकाल में एक्सपोजिशन पर 400 करोड़ रुपये खर्च किये गए। सभी ने कहा कि इसके पहले इतना बड़ा एक्सपोजिशन कभी हुआ ही नहीं था।
वोटर लिस्ट के पूरे विवाद को और खासतौर पर गोवा के संदर्भ में किस रूप में देखते हैं?
इसको पूरे देश में जानबूझकर मुद्दा बनाया गया है। कई लोग एक जगह से दूसरे जगह प्रवास कर रहे हैं, इसीलिए उनका नाम दूसरी जगह वोटर लिस्ट में आ जाता है। किसी भी वोटर को एक जगह पर नाम होना चाहिए। चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए। इसमें इतना हंगामा करने की जरूरत ही नहीं है।
गोवा की राजनीति में कांग्रेस को चुनौती के रूप में देख रहे हैं या फिर आने वाले समय में आम आदमी पार्टी को?
कांग्रेस ही विपक्ष में है। भविष्य में भी भाजपा की लड़ाई कांग्रेस से ही रहेगी। अभी विधानसभा सत्र में भी कांग्रेस का विपक्ष के रूप में काम ठीक रहा था।
आप पहले मुख्यमंत्री हैं, जो विपक्ष की प्रशंसा कर रहे हैं?
निश्चित रूप से विपक्ष को अपना काम करना ही चाहिए। उसके बिना लोकतंत्र तो चल नहीं सकेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।