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    Rajasthan: कोटा में खांसी की दवा पीने से महिला की मौत, जांच के लिए लैब भेजे गए सैंपल

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 07:58 AM (IST)

    कोटा में कफ सीरप पीने से एक महिला की मौत का मामला सामने आया है। महिला ने मेडिकल स्टोर से 'रेस्पाइजर' नामक कफ सीरप खरीदा था। सीरप पीने के कुछ ही समय बाद उनकी तबीयत बिगड़ी। उन्हें कोटा मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों ने इस घटना के बाद सीरप की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और पुलिस जांच की मांग की। 

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    कोटा में खांसी की दवा पीने से महिला की मौत (फोटो- एक्स)

    जागरण संवाददाता, जयपुर। कोटा में कफ सीरप पीने से एक महिला की मौत का मामला सामने आया है। महिला ने मेडिकल स्टोर से 'रेस्पाइजर' नामक कफ सीरप खरीदा था। सीरप पीने के कुछ ही समय बाद उनकी तबीयत बिगड़ी।

    उन्हें कोटा मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों ने इस घटना के बाद सीरप की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और पुलिस जांच की मांग की।

    उधर, औषधि नियंत्रण विभाग ने सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की और त्रिनेत्र मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर सीरप की 500 बोतलें जब्त कर लीं।

    विभाग ने दुकान व गोदाम को सील कर दिया है। ड्रग कंट्रोलर देवेंद्र गर्ग के नेतृत्व में दवा के नमूने लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब्त सभी बोतलों के सैंपल जांच के लिए सरकारी लेबोरेटरी में भेजे गए हैं।

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    रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। फिलहाल, सीरप की गुणवत्ता और रासायनिक तत्वों को लेकर संदेह जताया जा रहा है। पुलिस शिकायत दर्ज कर दुकानदार से पूछताछ कर रही है। महिला का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से कराया गया है।

    बताया जा रहा है कि दवा की खेप अहमदाबाद से आई थी। उल्लेखनीय है कि सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क मिलने वाले कफ सीरप को पीने से प्रदेश में चार लोगों की हाल ही में मौत हो चुकी है।

    रंगनाथन ने मुंह नहीं खोला, फिर रिमांड पर ले सकती है पुलिस

    जहरीला कफ सीरप कोल्डि्रफ पीने से मध्य प्रदेश के 24 बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार तमिलनाडु की श्रीसन फार्मा के मालिक जी. रंगनाथन को पुलिस फिर से पांच दिनों के रिमांड पर ले सकती है। इसके पहले 10 दिन के रिमांड में रंगनाथन ने उत्पादन से संबंधित कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं दी।

    पुलिस ने कांचीपुरम स्थित प्लांट पर जाकर भी जांच की, लेकिन वहां भी उसने कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए। एसआइटी ने कंपनी के अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की है और दस्तावेज की जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने 20 अक्टूबर को उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। एसआइटी 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र पेश करने की तैयारी में भी है।