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    रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी! भुवनेश्वर-जूनागढ़ रोड सुपरफास्ट एक्सप्रेस एलएचबी कोच में होगा अपग्रेड

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 12:14 PM (IST)

    रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी! भुवनेश्वर-जूनागढ़ रोड सुपरफास्ट एक्सप्रेस अब आधुनिक एलएचबी कोचों से लैस होगी। 08 अगस्त 2025 से भुवनेश्वर और 09 अगस्त 2025 से जूनागढ़ रोड से एलएचबी कोचों वाली पहली रेक चलेगी। इन कोचों से यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा क्योंकि एलएचबी कोच उच्च गति पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं और अधिक सुरक्षित माने जाते हैं।

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    भुवनेश्वर जुनागढ़ रोड सुपर फास्ट एक्सप्रेस एलएचबी कोचों में अपग्रेड। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। रेल यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। पूर्व तट रेलवे द्वारा संचालित 20837/20838 भुवनेश्वर-जूनागढ़ रोड-भुवनेश्वर सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन को अब आधुनिक लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोचों से अपग्रेड किया गया है। इससे यात्रियों को अब पहले से कहीं अधिक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।

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    एलएचबी कोचों से लैस इस ट्रेन के पहले रेक की सेवा भुवनेश्वर से 08 अगस्त 2025 और जूनागढ़ रोड से 09 अगस्त 2025 से शुरू की जाएगी। फिलहाल यह ट्रेन पारंपरिक आईसीएफ कोचों के साथ चल रही है, जिनकी संरचना एलएचबी की तुलना में कम सुरक्षित मानी जाती है।

    रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अपग्रेड की गई एलएचबी रेक में कुल 18 कोच होंगे, जिनमें शामिल हैं। जिसमें द्वितीय वातानुकूलित- 02 कोच, तृतीय वातानुकूलित-04 कोच, स्लीपर श्रेणी-05 कोच, द्वितीय श्रेणी सीटिंग-04 कोच, गार्ड सह पावर कार-01 कोच, गार्ड सह दिव्यांगजन अनुकूल द्वितीय श्रेणी कोच- 01 कोच शामिल है।

    एलएचबी कोच न केवल उच्च गति को संभालने में सक्षम होते हैं, बल्कि ये झटकों को कम करने, आग प्रतिरोधक संरचना और बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम जैसी कई विशेषताओं के कारण अधिक सुरक्षित माने जाते हैं।

    यह ट्रेन ओडिशा के तटीय और आदिवासी क्षेत्रों को राजधानी भुवनेश्वर से जोड़ती है और साथ ही आंध्र प्रदेश के कुछ महत्वपूर्ण कस्बों को भी इस मार्ग से जोड़ती है।

    ऐसे में इस रूट पर एलएचबी कोचों की शुरुआत को रेलवे द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के साथ-साथ परिचालन कुशलता में भी सुधार लाएगा।

    रेलवे प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि इस बदलाव से यात्रियों की संतुष्टि में वृद्धि होगी और ट्रेन की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

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