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    पुरी गजपति महाराज की इस्कॉन को कड़ी चेतावनी, अनुचित तिथियों पर रथ यात्रा बर्दाश्त नहीं

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 02:58 PM (IST)

    पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देव ने इस्कॉन को चेतावनी दी है कि गलत तिथियों पर रथ और स्नान यात्रा आयोजित करना जगन्नाथ संस्कृति का उल्लंघन है। गजपति महाराज ने स्पष्ट किया कि हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार रथ यात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को और स्नान यात्रा ज्येष्ठ पूर्णिमा को ही हो सकती है।

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    पुरी गजपति महाराज की इस्कॉन को कड़ी चेतावनी। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देव ने इस्कॉन को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अनुचित तिथियों पर रथ यात्रा और स्नान यात्रा आयोजित करना धर्मग्रंथों और जगन्नाथ संस्कृति की परंपराओं का खुला उल्लंघन है।

    यदि इस्कॉन ने एक महीने के भीतर परंपरा का पालन नहीं किया तो कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

    गजपति महाराज ने साफ कहा कि हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार रथ यात्रा केवल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को और स्नान यात्रा ज्येष्ठ पूर्णिमा को ही हो सकती है। इन तिथियों से कोई भी विचलन न सिर्फ अशुभ है, बल्कि जगन्नाथ संस्कृति की पवित्रता को आघात पहुंचाता है।

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    सूत्रों के मुताबिक, इस साल इस्कॉन ने देश-विदेश में 68 रथ यात्राएं और 40 स्नान यात्राएं गलत तिथियों पर कराई हैं। इसे लेकर गजपति महाराज ने सवाल उठाया कि जो संस्था जगन्नाथ की आध्यात्मिक परंपरा का सम्मान नहीं करती, वह खुद को अनुयायी कैसे कह सकती है।

    गजपति महाराज ने इस्कॉन मुख्यालय मायापुर को सैकड़ों पन्नों का दस्तावेज भेजा है, जिसमें कानूनी राय भी शामिल है। इसमें कहा गया है कि भारत में हुए उल्लंघनों पर भारतीय कानून के तहत कार्रवाई संभव है, जबकि विदेशों में रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालतों और कूटनीतिक दबाव का सहारा लेना पड़ेगा।

    श्रीमंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरविंद पड्ढी ने भी कहा कि इस्कॉन रथ यात्रा और स्नान यात्रा जगन्नाथ मंदिर की परंपरा और धर्मग्रंथों के विपरीत आयोजित कर रहा है। यह मंदिर की गरिमा और पवित्रता के खिलाफ है।

    गौरतलब है कि इस्कॉन का तर्क है कि समय क्षेत्र और स्थानीय परिस्थितियों के कारण तिथियों में बदलाव किया जाता है। लेकिन जगन्नाथ विद्वानों ने इस दलील को पहले ही खारिज कर दिया था। अब एक औपचारिक जवाबी दस्तावेज तैयार किया जा रहा है, जिसे इस्कॉन नेतृत्व को सौंपा जाएगा।

    गजपति महाराज ने साफ चेताया है कि अब और लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। यदि इस्कॉन ने परंपरा से खिलवाड़ जारी रखा, तो कानूनी कार्रवाई ही अगला कदम होगा।